अमेठी सिटी। मेडिकल, इंजीनियरिंग व अन्य कोर्स में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति या शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त करना मुश्किल हो गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति मिलेगी, जिन्होंने शैक्षिक संस्थान में 75 प्रतिशत की हाजिरी पूरी की हो।
इसकी जांच के लिए शैक्षिक संस्थानों में आधार आधारित विशेष बायोमीट्रिक मशीन लगाई गई है। इसके माध्यम से उपस्थिति की नियमित जांच की जा रही है। डिग्री कॉलेजों में पढ़ाई के नाम पर कुछ छात्र प्रवेश लेने के बाद घर बैठकर परीक्षा पास कर रहे थे।
ऐसे छात्रों की जांच के लिए आधार आधारित बायोमीट्रिक मशीन लगाई गई है। उसकी जिम्मेदारी आईटी विभाग की ओर से
श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड को दी गई है। हाजिरी का लेखा जोखा सरकार को मिल रहा है। अब 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वालों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल सकेगा।
ग्रुप वन के शैक्षिक संस्थान
जिले में ग्रुप वन के पांच शैक्षिक संस्थानों में विशेष बायोमीट्रिक मशीन लगाई गई है। मुख्य रूप से फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट फुरसतगंज, राजीव गांधी पेट्रोलियम संस्थान जायस, राजर्षि रणंजय फार्मेसी संस्थान मुंशीगंज, राजर्षि रणंजय प्रबंधन संस्थान, बीएमएस फार्मेसी कॉलेज शामिल हैं