69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने घेरा मंत्री आशीष पटेल का आवास


लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को अपना दल (एस) पार्टी कार्यालय व मंत्री आशीष पटेल के आवास का घेराव किया। अभ्यर्थी हाईकोर्ट लखनऊ डबल बेंच के फैसले का पालन किए जाने के लिए मंत्री के घर के सामने धरने पर बैठे। कड़ी धूप होने से कुछ अभ्यर्थियों की तबीयत भी खराब हुई। इन्हें अस्पताल भेजा गया।


अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट का जो निर्णय आया है, सरकार उसे जल्द लागू करे और न्याय देते हुए नियुक्ति का रास्ता साफ करे। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि दागी अधिकारियों को तत्काल हटाकर नए अधिकारी
नियुक्त करें। ताकि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूरी की जा सके। अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि भर्ती में बड़े स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है। उन्हें नौकरी से वंचित कर दिया गया। लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद 13 अगस्त को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है।

नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया है, लेकिन 15 दिन से ज्यादा हो गए पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। प्रदर्शनकारियों की मंत्री से वार्ता हुई, लेकिन अभ्यर्थियों ने न्याय पाने तक धरना जारी रखने का निर्णय लिया है। इस पर पुलिस ने उन्हें बस से ईको गार्डन पहुंचा दिया।


मंत्री आशीष पटेल बोले, जल्द मिलेगा न्याय

मंत्री आशीष पटेल ने दोपहर दो बजे अभ्यर्थियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और ज्ञापन लिया। मंत्री ने कहा कि आप सभी ने लंबी लड़ाई लड़ी है, लेकिन अब यह लड़ाई लंबी नहीं होगी। जल्द ही आप लोगों को न्याय मिलेगा। प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लग रहा है। जल्द ही आप लोगों के साथ न्याय करते हुए नौकरी दी जाएगी। इस इस दौरान अभ्यर्थियों ने मंत्री से कई सवाल भी किए।


चार अभ्यर्थियों की खराब हुई तबीयत

धरने पर बैठे चार अभ्यर्थियों की तबीयत तेज धूप और गर्मी से खराब हो गई। इनमें बस्ती की पूजा जायसवाल, गोरखपुर की प्रिया कुमारी, आजमगढ़ के राजबहादुर और जौनपुर के परमेंद्र यादव शामिल हैं। पुलिस ने इन सभी को अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाया। सभी को उपचार के बाद छोड़ दिया गया। वहीं सोमवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास के घेराव के दौरान अभ्यर्थी मो. इरशाद को दिल का दौरा पड़ा था। उनका अब भी एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है