तीन शिक्षकों पर 336 बच्चों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी


परसामलिक। नौतनवा ब्लाॅक क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिशुनपुरा में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 336 बच्चों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी मात्र तीन शिक्षकों के भरोसे है, जबकि यहां पर कक्षा नौवीं और 10वीं की कक्षाएं संचालित होती हैं। शिक्षक की कमी के कारण बच्चों की बेहतर तरीके से पढ़ाई नहीं हो पा रही है।







जानकारी के अनुसार, परसामलिक क्षेत्र के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिशुनपुरा शासन की ओर से सन् 2012 में संचालित हुआ। कक्षा नौवीं में 184 और 10वीं में 152 बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय में तीन शिक्षक हैं, जिसमें विद्यालय के प्रभारी भानु प्रताप गौतम सामाजिक विज्ञान के शिक्षक हैं। दीपक विश्वकर्मा विज्ञान के शिक्षक हैं।



राजनारायन गणित के शिक्षक हैं, लेकिन मेडिकल पर चल रहे हैं। ऐसे में 336 बच्चों को दो शिक्षक किस तरह पढ़ाते हैं यह सोचनीय है। विद्यालय में हिंदी, अंग्रेजी, गृह विज्ञान और कला के शिक्षक नहीं हैं। लगभग 55 लाख रुपये की लागत से विद्यालय बना हुआ है। विद्यालय में बच्चों को खेलने के लिए फील्ड नहीं है। विद्यालय में शिक्षण कार्य के लिए तीन ही कमरे बने हुए हैं। विद्यालय में लैब कक्ष बना दिया गया, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं है।



कम्प्यूटर कक्ष बना हुआ है, लेकिन कम्प्यूटर नहीं है। इससे बच्चे लैब और कंप्यूटर ज्ञान से वंचित रह जा रहे हैं। विद्यालय की छत और दीवार का प्लास्टर गिर रहा है। शिक्षण कार्य करने में बच्चों को भय बना रहता है। विगत वर्ष ही विद्यालय की मरम्मत कार्य के लिए प्रोजेक्ट अलंकार के तहत प्रस्ताव पारित हैं, लेकिन अभी तक धरातल पर मरम्मत कार्य नहीं शुरू किया गया।



राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी भानु प्रताप गौतम ने बताया कि हिंदी, अंग्रेजी, गृह विज्ञान व कला विषय के शिक्षक को तैनात कराने की मांग की गई है।