विद्यालय में लिपिक पद के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर पिता-पुत्र ने दो युवकों से 30 लाख रुपये ऐंठ लिए। फर्जी नियुक्ति पत्र की जानकारी होने पर पीड़ित युवकों ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की।
पट्टी तहसील क्षेत्र के रेड़ीगारापुर निवासी आशीष पांडेय ने बताया कि वह परशुराम चौराहे पर किराने की दुकान चलाते हैं। 18 दिसंबर 2020 को आसपुर देवसरा इलाके के पिता पुत्र उनकी दुकान पर आए और गधियावां स्थित माध्यमिक विद्यालय में लिपिक के पद पर नियुक्ति दिलाने की बात कही। कुछ दिन बाद पिता-पुत्र दुकान पहुंचकर उनसे शैक्षिक दस्तावेज ले गए।
इसके बाद आशीष ने चार लाख रुपये नकद के साथ कई किस्तों में नेट बैकिंग के माध्यम से 89 हजार रुपये दिए। उसके बाद पिता-पुत्र ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा का फर्जी हस्ताक्षर युक्त नियुक्ति पत्र दिया। विद्यालय के रजिस्टर पर एक माह हस्ताक्षर कराया गया। पूर्व में दी धनराशि के अलावा कुल दस लाख रुपये लिए गए। जांच में पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है।
वहीं, फत्तूपुर निवासी सत्यानंद ओझा से भी जालसाज पिता-पुत्र ने
सहायक अध्यापक की नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपये ले लिए। सत्यानंद ओझा ने बताया कि उसने बीएड की पढ़ाई की है। वह भी परशुराम चौराहे पर किराने की दुकान चलाता है। आशीष की दुकान पर उसका आना जाना रहता है।
आशीष की दुकान पर ही पिता-पुत्र ने नौकरी दिलाने की बात कही थी। फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेवकूफ बना दिया। जांच में फर्जी नियुक्ति पत्र की जानकारी होने पर 20 लाख रुपये देने से मना कर दिया। पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।