लखनऊ : प्रदेश के 16,718 ग्राम पंचायतों में हाईस्पीड ब्राडबैंड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इनमें से प्रत्येक ग्राम पंचायत में पांच-पांच फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन दिए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल को इसका नोडल बनाया है। इसके लिए करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बीएसएनएल के नए मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) आलोक कुमार मिश्रा ने बुधवार को इस प्रोजेक्ट की जानकारी दी।
लाप्लास भवन के सभागार में सीजीएम मिश्रा ने बताया कि चयनित ग्राम पंचायतों में 12,300 उत्तर प्रदेश पूर्व व 4,418 ग्राम पंचायतें उत्तर प्रदेश पश्चिम परिमंडल की हैं। इन ग्राम पंचायतों में प्राथमिक-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, थाना, आंगनबाड़ी, विद्यालय आदि में एफटीटीएच के कनेक्शन दिए जाएंगे। इन सभी को 799 रुपये के प्लान दिए जाएंगे। इसका भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा।
इनमें 12,300 उप पूर्व व 4,418 ग्राम पंचायतें पश्चिम परिमंडल की
मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल में दो हजार से अधिक 4जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) लगाए जा चुके हैं। अक्टूबर तक 4,685 बीटीएस लगाने का लक्ष्य है। बीएसएनएल भारत फाइबर के लिए 500 रुपये का इंस्टालेशन और एक्टिवेशन चार्ज देना पड़ता है, लेकिन इसे 31 मार्च 2025 तक नए उपभोक्ताओं के लिए माफ किया गया है।
मुफ्त फाइबर नियो प्लान (449 मासिक) व अगले तीन महीने के लिए 50 रुपये की छूट दी जाएगी। यह आफर 30 सितंबर तक नए कनेक्शन के लिए वैध है। इस मौके पर प्रधान महाप्रबंधक विक्रय एवं विपणन मो. जफर इकबाल, जीएम मोबाइल सेवा नितीश सिन्हा, डीजीएम गौरव बाजपेयी आदि उपस्थित रहे।