129 स्कूलों में अध्यापक नहीं, 708 विद्यालय सिर्फ एक शिक्षक के सहारे




सोनभद्र जिले में संचालित परिषदीय स्कूलों में पठन-पाठन की व्यवस्था अभी भी भगवान भरोसे ही है। 129 स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं है। वहीं 708 स्कूल ऐसे हैं, जो सिर्फ एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं।




इन स्कूलों में पढ़ाई का जिम्मा अनुदेशक और शिक्षामित्र ही निभा रहे हैं। ऐसे में कुछ दिनों पूर्व शुरू समायोजन की प्रक्रिया से इन स्कूूलों में से कईयों को राहत की उम्मीद है। हालांकि शिक्षकों के समायोजन के बाद 72 स्कूलों में राहत की उम्मीद है।





नीति आयोग का आकांक्षी जिला सोनभद्र बुनियादी शिक्षा के मामले में पीछे हैं। यहां के 2061 स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण पठन-पाठन के लिए करीब दस हजार शिक्षकों की जरूरत है। इसकी तुलना में महज 4200 शिक्षक ही तैनात हैं। स्कूलों में छात्र-शिक्षक के अनुपात का बुरा हाल है।

आरटीई के मानकों के तहत प्राथमिक में 30 और पूर्व माध्यमिक 35 बच्चों पर एक शिक्षक होने चाहिए। इसके उलट जिले में कहीं 100 बच्चों को एक शिक्षक पढ़ा रहे हैं तो कहीं बच्चों की संख्या इससे भी अधिक है।

जिले में 129 विद्यालय ऐसे हैं, जहां के बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक (नियमित शिक्षक) ही नहीं है। इन स्कूलों का ताला खोलवाने के लिए आसपास के दूसरे विद्यालय के शिक्षक को जिम्मेदारी दी गई है। बच्चों की पढ़ाई सिर्फ शिक्षा मित्र और अनुदेशक करा रहे हैं।

वहीं 708 स्कूल ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक-एक शिक्षक ही तैनात हैं। यह शिक्षक भी विभागीय कार्यों और अभिलेखों को दुरुस्त करने में ही उलझे रहते हैं। लिहाजा यहां भी पढ़ाई प्रभावित है।

अंतर जनपदीय तबादले के तहत पिछले साल करीब एक हजार शिक्षक कोर्ट के आदेश पर अन्य जिलों में चले गए, जबकि महज 29 ही यहां आए। इससे छात्र-शिक्षक अनुपात और भी बिगड़ गया है।

विभाग की ओर से जिले के भीतर समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए सरप्लस शिक्षक वाले स्कूलों के उन 72 स्कूलों के शिक्षकों की सूची जारी की गई है। जो सरप्लस है। इसमें संबंधित स्कूल के सबसे जूनियर शिक्षक को सरप्लस माना गया है।

वहीं इन्हे 130 स्कूलों की सूची भी दी गई है। जहां इनकी तैनाती होनी है। इसके लिए दो सितंबर तक सरप्लस शिक्षक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। इसके बाद निस्तारण समिति को तीन और चार सिंतबर तक आपत्ति निस्तारित कर बीएसए को पोर्टल पर डाटा अपलोड करना होगा। ऐसे में शिक्षक विहिन 129 में से करीब 72 शिक्षक विहिन स्कूलों को शिक्षक मिलने की उम्मीद है।

बीएसए मुकुल आनंद पांडेय ने बताया कि जिले में समायोजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए सरप्लस शिक्षकों से आपत्ति मांगी गई है। जिले के अंदर समायोजन से शिक्षक विहिन स्कूलों को शिक्षक मिल सकेंगे। इससे पठन-पाठन बेहतर होगा।