प्रयागराज। राजकीय विद्यालयों और राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती कागजी प्रस्तावों में फंसी हुई है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को इन भर्तियों के लिए काफी पहले अधियाचन मिल चुके हैं, लेकिन आयोग को शासन स्तर से कुछ प्रस्तावों को मंजूरी मिलने का इंतजार है।
उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 536 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन अधियाचन भेजा जा चुका है। यह अधियाचन शासन के माध्यम से यूपीपीएससी को भेजा गया है। यूपीपीएससी असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर सीधी भर्ती करता है। आयोग ने अब सीधी भर्ती की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है।
अब तक सीधे इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर ही अभ्यर्थियों का चयन किया जाता था, लेकिन अब स्क्रीनिंग परीक्षा के 75 फीसदी और इंटरव्यू के 25 फीसदी अंक जोड़कर चयन की मेरिट तैयार की जाएगी। ऐसे में स्क्रीनिंग परीक्षा का महत्व काफी बढ़ गया है। इसके लिए आयोग ने स्क्रीनिंग परीक्षा की प्रस्तावित नियमावली तैयार की है, जिसे शासन से मंजूरी मिलने का इंतजार है।
शासन से नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद ही आयोग की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाएगा। वहीं, आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए दो साल पहले छह हजार पदों का अधियाचन मिला था, लेकिन यह भर्ती भी कागजी प्रस्तावों में फंसी रह गई। समकक्ष अर्हता स्पष्ट न होने पर आयोग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को अधियाचन लौटा दिया था। समकक्ष अर्हता का विवाद अब सुलझा लिया गया है और रिक्त पदों की संख्या बढ़कर नौ हजार के आसपास पहुंच गई है.
वहीं, इस बार एलटी ग्रेड शिक्षक की नई भर्ती दो चरणों की परीक्षा के माध्यम से होनी है, जिसका प्रस्ताव शासन को काफी पहले भेजा जा चुका है। इससे पूर्व मार्च- 2018 में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। इसके तहत 10768 पदों पर भर्ती होनी थी। यह भर्ती एकल परीक्षा के माध्यम से कराई गई थी।
अब नई व्यवस्था के तहत प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के आधार पर एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती कराई जाएगी। शासन स्तर से द्विस्तरीय परीक्षा के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ही आयोग विज्ञापन जारी करेगा।
इसके अलावा राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता भर्ती का विज्ञापन भी अटका हुआ है। आयोग को ढाई साल पहले प्रवक्ता के 400 रिक्त पदों का अधियाचन मिला था, लेकिन समकक्ष अर्हता स्पष्ट न होने के कारण यह भर्ती फंसी रह गई। पिछले वर्ष प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने सदन में जानकारी दी थी कि राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता के 9463 पद सृजित हैं, जिनमें से 3957 पद खाली हैं। अभ्यर्थियों को इन रिक्त पदों पर भर्ती का इंतजार है, लेकिन आयोग समकक्ष अर्हता स्पष्ट होने के बाद ही विज्ञापन जारी करेगा।