आधार हीन अभिभावकों ने वेतनहीन किए परिषदीय शिक्षक


डीबीटी में आ रहीं व्यावहारिक समस्याओं से बीएसए को कराया अवगत

• बीएसए ने शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण करने का दिया आश्वासन


जासं, बरेलीः डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के अंतर्गत अभिभावकों और बच्चों के बैंक खातों में भेजी जाने वाली धनराशि आधार कार्ड से सत्यापन नहीं हो पा रहा है। इससे बीएसए ने परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और इंचार्ज प्रधानाध्यापकों का वेतन रोक दिया। शिक्षकों का कहना है कि बड़ी संख्या में गरीब अभिभावक ऐसे हैं, जिनके पास आधार ही नहीं हैं। ऐसे में 'आधार' हीन अभिभावकों ने शिक्षकों को वेतनहीन कर दिया है। इससे परेशान शिक्षकों ने बीएसए को पत्र दे कर समस्या का निस्तारण कराने की मांग की।





परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के बैंक खातों में डीबीटी से जाने वाली धनराशि भेजने से पहले सत्यापन कार्य शिक्षकों के लिए परेशानी बन गया। प्रधानाध्यापकों और इंचार्ज प्रधानाध्यापकों का वेतन रोके जाने के बाद शिक्षक संगठनों ने बीएसए को शिकायती पत्र सौंपकर सत्यापन में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं से अवगत कराया। प्राथमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट के जिलाध्यक्ष नरेश गंगवार के नेतृत्व में बीएसए से मिले। जिले में बड़ी संख्या में शिक्षकों के वेतन रोकने पर आपत्ति जताई। साथ ही




निवेदन किया कि किसी भी शिक्षक का वेतन न रोका जाए। इस दौरान केसी पटेल, योगेश कुमार, प्रेमपाल गंगवार, मनोज कुमार, तपन सिंह मौर्य, अनिल कुमार, हरेंद्र सिंह रानू, देशबंधु गंगवार, सतीश शर्मा, पुष्पराज सिंह, मोर किशोर मौर्य आदि मौजूद रहे।



उधर, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शर्मा गुट के जिलाध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान के नेतृत्व में बीएसए से मिले। शिक्षक नेताओं ने कहा कि जिन बच्चों के आधार कार्ड ही नहीं बने ही नहीं हैं, उनके शिक्षकों का भी वेतन काट दिया। बीएसए ने डाटा दुरुस्त कराने के साथ ही बीआरसी पर आधार बनवाने के लिए आश्वासन दिया। इस दौरान हरीश बाबू शर्मा, जिला मंत्री शिव स्वरूप शर्मा, अजरार हुसैन आगा, प्रमोद गंगवार, मोहम्मद नफीस अंसारी, राघवेंद्र गुप्ता, आशीष वर्मा, हरीश बाबू गंगवार, जिला मीडिया प्रभारी आदि मौजूद रहे।