रामपुर : मैं बंदूक रखती हूं, मेरे पास लाइसेंसी असलहा हैं, सभी गधे घोड़े नहीं सकते। ये हैरानी भरे शब्द एक प्राथमिक विद्यालय की महिला प्रधानाध्यापक के हैं। जो उन्होंने निरीक्षण के दौरान सीएमओ से कहे थे। जिसके बाद सीएमओ विद्यालय से लौट गए थे। 25 जुलाई को डीएम की अध्यक्षता में हुई जिला शिक्षा एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में सीएमओ का दर्द छलका तो डीएम ने बीएसए को कार्रवाई के आदेश दिए। करीब एक माह बाद छह अगस्त को मामले में महिला प्रधानाध्यापक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों के समय-समय पर निरीक्षण के लिए एक टास्क फोर्स बनी हुई है। इसमें जिला स्तरीय अधिकारी नामित हैं, जिन्हें हर महीने पांच-पांच विद्यालयों का निरीक्षण करने के निर्देश हैं। इसी के तहत जुलाई में मुख्य चिकित्साधिकारी नगर क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय में निरीक्षण करने पहुंचे थे। विद्यालय में उन्होंने एक महिला शिक्षक से पूछा कि यहां प्रधानाध्यापक कौन हैं, तब महिला शिक्षक ने उन्हें जवाब दिया कि मैं ही हूं। इसके साथ ही यह भी कहा कि मैं दोनाली बंदूक रखती हूं, मेरे पास लाइसेंसी असलहा हैं। सीएमओ ने बात बदलते हुए पूछा कि क्या आपका विद्यालय निपुण हो गया। इस पर प्रधानाध्यापक ने जवाब दिया कि सभी गधे घोड़े नहीं बन सकते। ऐसे जवाब पाकर सीएमओ विद्यालय से लौट आए। इसके बाद कलक्ट्रेट सभागार में 25 जुलाई को जिला शिक्षा एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में सीएमओ ने डीएम को मौखिक रूप से पूरा मामला बताया। इस पर डीएम ने बीएसए को प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएम के निर्देश के बाद बीएसए ने नोटिस जारी कर महिला प्रधानाध्यापक को स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ एसपी ने कहा कि उन्होंने पूरे जीवन में इस तरह का व्यवहार और जवाब नहीं सुने।
25 जुलाई को मासिक बैठक में सीएमओ ने मौखिक रूप से प्रधानाध्यापक द्वारा दोनाली लाइसेंसी बंदूक रखने और निपुण विद्यालय के सवाल पर सभी गधे घोड़े नहीं बन सकते का जवाब देने की जानकारी दी थी। इसी आधार पर प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई शुरू करते हुए नोटिस जारी किया गया है। राघवेंद्र सिंह, वीएसए