यूपीएस का स्वागत पर ओपीएस की जंग जारी रहेगी, हमारा संघर्ष पुरानी पेंशन बहाली के लिए विजय

कर्मचारी संगठनों ने पेंशन को लेकर की गई केंद्र की पहल का स्वागत किया है, लेकिन पुरानी पेंशन बहानी की मांग दोहराई है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की पहल सराहनीय है, लेकिन पुरानी पेंशन बहाली के बारे में सोचना चाहिए। बीच का रास्ता निकालने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। एनएमओपीएस, अटेवा, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा कि पुरानी पेंशन से कम मंजूर नहीं है। सरकार को जिद छोड़नी चाहिए और कर्मचारियों के हित को देखते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू कर देनी चाहिए। कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन की मांग दोहराते हुए सरकार से विचार करने का अनुरोध किया है।



खिड़की खुली,दरवाजा खुलने का इंतजार परिषद


पुरानी पेंशन योजना बहाली की संघर्ष यात्रा बताते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनजेसीए के केंद्रीय नेतृत्व से वार्ता करने के लिए सहमत हुए हैं, निश्चित ही यह कदम पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए सकारात्मक संदेश है और उम्मीद है कुछ न कुछ सकारात्मक हल जरूर निकलेगा। लेकिन अभी खिड़की खुली है लेकिन दरवाजा खुलने का इंतजार है। परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद वर्ष 2010 में जब पुरानी पेंशन योजना बहाली की कोई कल्पना भी नहीं करता था, उस वक्स पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग उठाना शुरू किया।


नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओ पीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और ऑल टीचर्स इम्प्लाइज एसोसिएशन (अटेवा) के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का शिक्षक, कर्मचारियों के लिए कैबिनेट में जो प्रस्ताव लाया गया है उस पर कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है की सरकार शिक्षक व कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के नाम पर गुमराह कर रही है। हमारा संघर्ष हूबहू पुरानी पेंशन के लिए है।


देश भर का शिक्षक और कर्मचारी खड़ा है, उसे केवल और केवल पुरानी पेंशन ही चाहिए। जो लोग कह रहे हैं यूपीएस के समकक्ष है तो फिर ओपीएस से परहेज क्यों? ओपीएस में भी लास्ट में बेसिक सेलरी का 50 प्रतिशत तो दिया जाता है तो उसे स्वीकार कर लें। 20 साल की नौकरी में पूरी पेंशन मिलने लगती है फिर इसमें 25 वर्ष क्यों रखा गया? राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री अटेवा डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि हमें इधर-उधर की बातों मे न उलझाया जाए बल्कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाना चाहिए। पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष जारी रहेगा।