दिल्ली। राज्यों के तय खर्च में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। 2023 के मुकाबले 2024 में इसमें 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2024- 25 के आम बजट समीक्षा में भारतीय स्टेट बैंक ने तय खर्च पर चिंता जताई है और राज्यों को सलाह दी है कि विवेकपूर्ण फैसले लें। कुछ राज्यों का तय खर्च राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। ऊपर से राजकोषीय घाटे के मुकाबले राज्यों द्वारा ली जाने वाली उधारी पर गारंटी की रकम भी बढ़कर दो गुना हो गई है।
राज्यों द्वारा पेंशन, ब्याज और प्रशासनिक सेवा से जुड़े खर्चों को तय खर्च कहा जाता है। 2023 में 12.2 लाख करोड़ रुपया तय खर्च में गए जो 2024 में बढ़कर 13.5 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसमें भी बिहार, पंजाब, यूपी, झारखंड, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे राज्यों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले तय खर्च राष्ट्रीय औसत से अधिक है। जबकि इन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से कम है। जीडीपी के मुकाबले तय खर्च का राष्ट्रीय औसत 4.75प्रतिशत है, लेकिन इन राज्यों में उससे कहीं ज्यादा है। खासकर बिहार, पंजाब और राजस्थान में यह खर्च छह फीसदी से ऊपर है। जबकि प्रति व्यक्ति आय का राष्ट्रीय औसत 194879 रुपये है, लेकिन इन राज्यों में उससे कम है।