लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में तैनात अनुदेशकों ने नई शिक्षा नीति के अनुसार अपने नियमितीकरण और नियमितीकरण होने तक 12 माह का समान कार्य के लिए समान वेतन मांगा है। अनुदेशकों ने इनके साथ ही लंबित मांग के समाधान के लिए मंगलवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
सुबह काफी संख्या में अनुदेशक निदेशालय पहुंचे और विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वहां धरने पर बैठ गए। इसकी सूचना पर पहुंचे पुलिस के अधिकारियों ने उनकी महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मुलाकात का प्रस्ताव दिया, लेकिन अनुदेशकों ने इसे ठुकरा दिया। परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा कि महानिदेशक से कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला। ऐसे में अब वह प्रमुख सचिव या मुख्य सचिव से ही वार्ता करेंगे। उन्होंने कहा कि वह तब तक
धरने पर बैठेंगे जब तक उनकी
समस्याओं का समाधान नहीं होता है।
अनुदेशकों के धरने में संयुक्त
संघर्ष संचालन समिति के प्रदेश
वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह,
महासचिव आरके निगम, पंकज
यादव, आरके वर्मा, राज्य कर्मचारी
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कृतार्थ सिंह,
शिक्षामित्र अनुदेशक शिक्षक संयुक्त
मोर्चा के प्रदेश संयोजक तारकेश्वर
शाही, मनोज राय आदि शामिल हुए
और अपने संगठनों का समर्थन दिया।
अनुदेशकों की प्रमुख मांगें
■ अनुदेशकों के स्वतः नवीनीकरण की व्यवस्था हो।
■ उनके खिलाफ चल रहे मुकदमें वापस हों।
■ महिला अनुदेशकों की जिस जिले में शादी हुई हो, वहां तबादला हो।
आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए।
असामाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गारंटी दें।
सीएल, महिलाओं को सीसीएल दिया जाए।