कानपुर देहात।एनईपी की तीसरी वर्षगांठ बीतने के बाद भी परिषदीय स्कूलों में इसे लागू नहीं किया जा सका। तीन बरस बीतने के बाद प्रत्येक शैक्षिक सत्र की शुरुआत से पहले एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने की कवायद कागजों से बाहर नहीं निकल पाती है। इस बार दावों के बाद भी पुराने पाठ्यक्रम के लिहाज से शिक्षण व्यवस्था संचालित हो रही है। इसे अगले सत्र से हर हाल में लागू करने का दावा हो रहा है।
माध्यमिक स्कूली पाठ्क्रम में इतिहास विषय को लेकर बदलाव के साथ विज्ञान वर्ग में कुछ बदलावों के साथ पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। जबकि परिषदीय स्कूली पाठ्यक्रम को लेकर बदलव की बयार नहीं चल पा रही है। यशपाल समिति की रिपोर्ट के आधार पर एक दिनी बिना बस्ता की कवायद भी अभी तक धरातल पर नहीं उतर सकी है। बच्चों को खेल-खेल में शिक्षण करने की योजना टीएलएम पर आधारित होकर रह गई है।