लखनऊ, । शासन ने समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सभी 94 जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों के छात्रावासों एवं उसमें संचालित भोजनालयों (मेस) की जांच कराने का निर्देश दिया है। देवरिया में मेहरौना स्थित सर्वोदय विद्यालय के मेस में बासी भोजन खाने से बच्चों के बीमार होने और एक बच्चे की मौत के बाद यह निर्देश जारी किया गया है। इस घटना में प्रधानाचार्य को निलंबित करते हुए मेस के संचालक को गिरफ्तार कर भेजा जा चुका है।
आश्रम पद्धति विद्यालय के नाम से मशहूर इन विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को निशुल्क शिक्षा, आवास, वस्त्रत्त् व भोजन आदि सुविधाएं सरकार की तरफ से दी जाती हैं। इसमें केवल भोजन के लिए सरकार प्रति छात्र प्रतिमाह 2250 रुपये का भुगतान करती है। प्रदेश में संचालित ऐसे कुल 94 विद्यालयों में से 65 विद्यालय बालकों और 29 बालिकाओं के हैं। इनमें से 45 विद्यालयों का सीबीएसई बोर्ड से संबद्धीकरण कराया जा चुका है, जबकि अन्य अभी यूपी बोर्ड से संबद्ध हैं। अनुसूचित जाति, जनजाति, विमुक्त जाति, पिछड़ी जाति तथा सामान्य वर्ग के अत्यंत निर्धन परिवारों के बालक-बालिकाओं की शिक्षा के लिए नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर इन विद्यालयों की स्थापना की गई है। देवरिया की घटना के बाद इन सभी विद्यालयों के मेस की जांच कराई जा रही है। प्रमुख सचिव समाज कल्याण डॉ. हरिओम ने बताया कि सभी जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों को मेस की खुद जांच करके खामियों को दूर कराने, संचालकों की लापरवाही पाए जाने पर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने तथा प्रधानाचार्यों को भोजन की गुणवत्ता के प्रति लगातार सजगता बरतने के लिए निर्देशित करने को कहा गया है।