ज्ञानपुर। परिषदीय विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए सख्ती की जाएगी। जिन स्कूलों में पठन-पाठन संग स्कूल की गतिविधियां ठीक नहीं होगी, वहां के प्रधानाध्यापकों को पद से हटाया जाएगा।
उनके स्थान पर उसी विद्यालय के ऐसे शिक्षक को चिह्नितकर प्रधानाध्यापक पद का दायित्व सौपा जाएगा, जो मेहनत के साथ काम कर रहे हैं। जिलाधिकारी विशाल सिंह के निर्देश पर विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है।
बेसिक शिक्षा विभाग के तहत जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक व कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इनमें 1.67 लाख इच्ये पंजीकृत हैं। परिषदीय
विद्यालयों में शिक्षण कार्य की गुणवत्ता, बच्चों के नामांकन बढ़ाने व नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर तमाम कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं।
इसके साथ ही प्रत्येक विद्यालयों को सुविधा संपन्न बनाने को लेकर मिशन कायाकल्प के तहत भवन निर्माण, मरम्मत, टाइलीकरण, चारदीवारी निर्माण, फर्नीचर सुविधा, बालक-बालिका व दिव्यांग शौचालय से लेकर अन्य कार्य कराए जा रहे हैं।
इसके बाद भी तमाम विद्यालयों में यह शिकायत लगातार उठ रही है कि प्रधानाध्यापकों की मनमानी की वजह से विद्यालयों को व्यवस्था बदहाल बनी है। उनके भौतिक व शैक्षणिक परिवेश में सुधार नहीं आ पा रहा है। अफसरों के
निरीक्षण में भी कई विद्यालयों में यह कमियां सामने भी आ चुकी है। इस तरह की उठती शिकायतों को लेकर लापरवाह बने प्रधानाध्यापकों पर नकेल कसने की कवायद शुरू की गई है। जो भी प्रधानाध्यापक
लापरवाही करते पाए जाएंगे उनके एक वेतन वृद्धि को रोकते हुए उनके स्थान पर विद्यालय के दूसरे शिक्षक को प्रधानाध्यापक का दायित्व सौंपा जाएगा। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी
भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। निरीक्षण में विद्यालय का मूल्यंकन किया जाएगा। जिन-जिन विद्यालयों की स्थिति ठीक नहीं मिलेगी। यहां के प्रधानाध्यापकों का प्रभारी छौना जाएगा।