मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी कार्यालयों में निजी व्यक्ति रखकर उससे काम कराने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर कहीं से भी शिकायत मिली तो ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में दिए। दरअसल, प्रदेश के कुछ कार्यालयों मसलन, तहसीलों, थानों, राजस्व, आरटीओ, बीएसए कार्यालयों, विकास प्राधिकरणों और नगर निगमों से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से निजी कर्मचारियों का एक समानांतर नेटवर्क कायम होता जा रहा है। यह निजी कर्मचारी भ्रष्टाचार में संलिप्त रहते हैं और आम आदमी के कार्यों का समय पर निस्तारण नहीं होता। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारियों को जांच करने के भी निर्देश दिए हैं।
योजना की निगरानी होगी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि योजना के सही क्रियान्वयन और सतत मॉनीटरिंग के लिए आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात ‘सीएम फेलो’ की तर्ज पर हर जिले में योग्य युवाओं की तैनाती की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तपोषण से पहले युवाओं को विधिवत प्रशिक्षण भी दिलाया जाना चाहिए।