दर्जनों बेसिक के विद्यालयों में नामांकन शून्य.... बीएसए ने रोका प्रधानाध्यापकों का वेतन

 गोरखपुर। बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों में नामांकन को बढ़ाने के लिए तमाम योजनाओं को लागू किया है। इसके बावजूद विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ने के बजाय लगातार घट रही है। छात्रों की संख्या में गिरावट विभाग के लिए सिरदर्द बन गया है। विभाग ने अब ऐसे विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों पर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत जिले के 36 विद्यालयों में कोई भी नामांकन नहीं होने पर प्रधानाध्यापकों का वेतन रोककर की गई है।

जिले के विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2024-25 में नामांकन की स्थिति चिंताजनक है। कक्षा एक में 31 तथा कक्षा छह में पांच विद्यालयों में एक भी नामांकन नहीं हुआ है। नामांकन की इस कदर खराब स्थिति पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा की कड़ी नाराजगी के बाद विभाग ने ऐसे प्रधानाध्यापकों पर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। विभाग ने इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को दो दिनों के भीतर शतप्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार नामांकन को लेकर लापरवाही पर कई प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध और कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है।


गोला, कौड़ीराम व उरुवा ब्लॉक की स्थिति सबसे खराब


गोला, कौड़ीराम और उरुवा ब्लॉक में नामांकन को लेकर उदासीनता सबसे ज्यादा है। गोला में छह, कौड़ीराम और उरुवा में पांच-पांच विद्यालयों में नामांकन शून्य है। कक्षा एक में बड़हलगंज में तीन, भटहट में तीन, कैंपियरगंज में एक, गगहा में एक, गोला में चार, जंगल कौड़िया में एक, कौड़ीराम में पांच, खजनी में एक, पाली में तीन, पिपराइच में दो, सरदारनगर में दो, उरुवा में चार, नगर क्षेत्र में एक और कक्षा छह में कैम्पियरगंज में एक, गगहा में एक, गोला में दो और उरुवा में एक विद्यालय में एक भी नामांकन नहीं हुआ है।


विद्यालयों में शून्य नामांकन होना, जिम्मेदारी के वहन में लापरवाही एवं अनुशासनहीनता को दर्शाता है। इसको लेकर जिम्मेदार प्रधानाध्यापकों का वेतन अग्रिम आदेश तक बाधित करने के साथ शून्य नामांकन को लेकर तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए