इटावा। कक्षा एक से लेकर कक्षा तीन के बच्चों को भाषा और गणित पर मजबूत पकड़ बनाने के उद्देश्य से शुरू किए निपुण कार्यक्रम की निगरानी में लगाए गए एआरपी ही अपने गोद लिए बच्चों को निपुण नहीं बना सके हैं। यह हकीकत अधिकारियों के निरीक्षण में सामने आने के बाद बीएसए ने नौ एआरपी को कार्य मुक्त कर दिया है। अब यह शिक्षक अपने मूल स्कूलों में पहुंचकर शिक्षण कार्य करेंगे।
2023 डीएलएड प्रशिक्षुओं की ओर से जिले के 729 परिषदीय विद्यालयों को निपुण बनाए जाने का सर्वे किया गया था। इसमें एआरपी व संकुल शिक्षक की ओर से गोद लिए हुए विद्यालय भी शामिल थे। 729 विद्यालयों में 295 विद्यालय निपुण घोषित किए गए। इनमें से एआरपी के 142, संकुल शिक्षक के 152 व एक अन्य विद्यालय को निपुण घोषित किया गया। इस विद्यालय में 80 प्रतिशत छात्र निपुण पाए गए, उसे निपुण घोषित किया गया था। प्रदेश स्तर पर जिले का रैंक 13 रहा था। परिणाम में नौ एआरपी ने लापरवाही बरती और उनके गोद लिए विद्यालय निपुण नहीं हो पाए। इसको लेकर बीएसए ने उक्त नौ शिक्षकों को उनके एआरपी के पद से कार्यमुक्त कर दिया। अब यह शिक्षक अपने मूल विद्यालय में पहुंचकर शिक्षण कार्य करेंगे।
इन शिक्षकों को एआरपी पद से किया गया कार्यमुक्त
सैफई ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रविकुमार, बियारी भटपुरा के शिक्षक किशन चंद्र, नगला अनिया के शिक्षक ममता वर्मा व हीरापुर की शिक्षिका पूनम चौहान को कार्यमुक्त किया गया। इसके साथ ही जसवंतनगर ब्लॉक के विद्यालय रायनगर के शिक्षक अमित तिवारी व रुकनपुर के शिक्षक मुकेश कुमार को उनके मूल विद्यालय भेजा गया है। वहीं भरथना ब्लॉक के बिरारी विद्यालय की शिक्षिका ज्योति चतुर्वेदी, सैफई ब्लॉक बघुइया विद्यालय के शिक्षक अरुण कुमार व बसरेहर ब्लॉक के कांकरपुरा विद्यालय के शिक्षक रवींद्र कुमार को एआरपी पद से मुक्त कर दिया गया। वहीं ताखा क्षेत्र के शिक्षक अनिल कुमार व वीरेंद्र सिंह ने अपने निजी कारणों से एआरपी पद से इस्तीफा दे दिया।
इन मानकों को पूरा नहीं कर पाए गोद लिए विद्यालय
1.कक्षा एक- बच्चे चार से पांच सरल शब्द व 99 तक की संख्याओं सहित सरल जोड़-घटाना नहीं कर सकें।
2.कक्षा दो- बच्चे भाषा में 45-60 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ने में असमर्थ रहे। गणित में 999 की संख्याओं के साथ ही 99 तक की संख्याओं का घटाव नहीं कर सके।
3.कक्षा तीन- बच्चे भाषा में न्यूनतम 60 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से नहीं पढ़ सके। गणित में 9999 तक की संख्याएं पढ़ने व सरल गुणा समस्याओं को हल करने में असमर्थ रहे।
वर्जन
जिले के नौ एआरपी शिक्षक अपने गोद लिए विद्यालय भी निपुण नहीं कर पाए, जो दुर्भाग्य पूर्ण है। लापरवाही पर उक्त शिक्षकों को उनके पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है। ये शिक्षक अब अपने मूल विद्यालय में जाकर शिक्षण कार्य करेंगे।-डॉ. राजेश कुमार, बीएसए