बच्चों की कम उपस्थिति पर 996 हेडमास्टरों को नोटिस, समुचित जवाब न मिलने पर होगी कार्रवाई

 
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति को लेकर विभाग गंभीर है। जितने बच्चे पंजीकृत हैं, उनकी उपस्थिति शत प्रतिशत होनी चाहिए। प्रतिदिन इसकी ऑनलाइन निगरानी हो रही है। जितने बच्चे मिड डे मील खा रहे हैं, उनकी भी प्रतिदिन रिपोर्ट ली जा रही है। इस रिपोर्ट से पता चला कि जिले के 996 विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति 65 प्रतिशत से कम है। इसलिए इन विद्यालयों के हेडमास्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।







नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली के अंतर्गत शिक्षकों और हेडमास्टर की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों की उपस्थिति को सुनिचिश्त करें। छात्र संख्या बढ़ाने के लिए स्कूल चलो अभियान चलाएं। क्षेत्र के अधिक से अधिक बच्चों का पंजीकरण कराएं। बच्चे के विद्यालय न आने पर उनके अभिभावक से मिलें। शिक्षक- अभिभावक की नियमित बैठक होनी चाहिए। जिससे विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़े। लेकिन इसके प्रति कई विद्यालयों के शिक्षक और हेडमास्टर गंभीर नहीं हैं।



जुलाई में विद्यालयों की ऑनलाइन मानिटरिंग हुई। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि बच्चों की उपस्थिति निराशाजनक रही। बहादुरपुर के मेंडुआ उच्च प्राइमरी विद्यालय में 44.44 प्रतिशत बच्चे आए। ऐसे ही उसी ब्लाक के देवरिया में 48.65 प्रतिशत उपस्थिति रही। बहरिया ब्लाक के कंपोजिट विद्यालय कहली में 30.97 प्रतिशत ही उपस्थिति रही। कुछ विद्यालयों में 60 प्रतिशत तक उपस्थिति रही। उन्होंने बताया कि 65 प्रतिशत से कम उपस्थिति होने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हेडमास्टरों को निर्देशित किया कि बच्चों की उपस्थिति शत प्रतिशत होनी चाहिए।