जांच में दोषी पाए गए 9 हेडमास्टर, बीएसए ने रोकी एक वार्षिक वेतन वृद्धि


प्रतापगढ़। समायोजन प्रक्रिया में फर्जी संख्या देकर चहेते शिक्षकों को बचाना 9 विद्यालयों के हेडमास्टरों को महंगा पड़ गया।


बीएसए भूपेंद्र सिंह द्वारा कराई गई पुनःजांच में पाया गया कि कुंडा ब्लॉक के 6 विद्यालय, लक्ष्मणपुर के 2 विद्यालय तथा सदर ब्लॉक के 1 विद्यालय की छात्र संख्या का डेटा जानबूझकर त्रुटिपूर्ण फीड किया जाना पुष्टित पाया गया।इस पर नाराज हुए बीएसए ने संबंधित विद्यालयों के हेडमास्टरों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए एक वार्षिक वेतन वृद्धि रुकने

का आदेश जारी कर दिया। साथ ही संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को भी उनके शिथिल पर्यवेक्षण हेतु कठोर चेतावनी जारी कर दिया। बता दें कि समायोजन प्रक्रिया में हुए खेल के मामले को राष्ट्रीय स्वरूप अखबार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसका संज्ञान लेकर बीएसए ने मामले की जांच कराई। साथ ही वर्तमान में शासन द्वारा समायोजन प्रक्रिया संपादित की जा रही है। समायोजन में चहेते शिक्षक जद में आए तो उनको बचाने के लिए जिले के 52 स्कूलों के हेडमास्टरों ने आंकड़ों में खेल कर

दिया। कम बच्चों के चलते स्कूल से शिक्षक हट न जाएं इसलिए उन्होंने बच्चों की संख्या ही बढ़ा दी। 30 जून तक की छात्र संख्या देखने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को शक हो गया। आकलन करने पर पाया गया कि जिले के कई स्कूलों में बच्चों की संख्या 61,

91, 121 या 151 दिखा दी । शिक्षकों के समायोजन के लिए सरप्लस शिक्षकों की लिस्ट जारी करने से पहले यह खेल सामने आने पर विभाग में खलबली मच गई। जनपद के बीएसए भूपेंद्र सिंह ने सभी बीईओ को इस डेटा

की जांच के आदेश दे दिए। पुनः हुई जांच में यह पुष्ट हो गया कि कुंडा ब्लॉक के 6 विद्यालय, लक्ष्मणपुर के 2 विद्यालय तथा सदर ब्लॉक के 1 विद्यालय द्वारा जानबूझकर त्रुटिपूर्ण डेटा फीड किया गया। इस पर बीएसए ने कठोर कार्यवाही करते हुए संबंधित विद्यालयों के हेडमास्टरों के एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही शिथिल पर्यवेक्षण हेतु तीनों ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारियों को भी कठोर चेतावनी निर्गत कर दिया। बीएसए द्वारा की गई कार्रवाई से हड़कंप मच गया है।