नौकरी पाने वालों में 38% से ज्यादा ओबीसी: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बीते सात वर्षों में लोकसेवा आयोग के जरिये एससी-एसटी और ओबीसी समाज के 60 फीसदी से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं। इसमें ओबीसी समाज के करीब 38 फीसदी से ज्यादा युवा शामिल हैं जबकि पिछली सरकारों में महज़ 26 फीसदी ओबीसी युवाओं को ही नौकरी मिल सकी थी।


ये बातें मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चुने गए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा चयन आयोग के द्वारा 2012 से 2017 के बीच 26394 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया संपन्न हुई थी। इसमें 13469 पदों पर सामान्य, 6966 पदों पर ओबीसी, 5634 पदों पर एससी और 327 पदों पर एसटी वर्ग के युवाओं का चयन हुआ था। इसमें ओबीसी का जो प्रतिशत है, वह केवल 26.38 प्रतिशत था।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार में यूपीपीएससी के माध्यम से 46,675 भर्तियां हुईं। इसमें ओबीसी के कुल 17929 अभ्यर्थी चयनित हुए, जिनका प्रतिशत 38.41 है। ओबीसी, एससी और एसटी के प्रतिशत को अगर जोड़ लिया जाए तो डबल इंजन सरकार में 60 प्रतिशत से ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा चयन आयोग के माध्यम से हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से पूर्ववर्ती सरकार (वर्ष 2012 से 2017) के बीच कुल 19312 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था, जबकि वर्ष 2017 से 2024 के बीच डबल इंजन सरकार में 42 हजार 409 से अधिक युवाओं को चयन प्रक्रिया से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में संविधान के द्वारा निर्धारित आरक्षण की पूरी व्यवस्था का पालन करते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया है। आज यह सभी युवा प्रदेश के विकास में योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरटीओ कार्यालयों में पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को परिवहन निगम एवं परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटीओ कार्यालयों में जनोपयोगी सुविधाएं बढ़ाएं। लोगों को अनावश्यक प्रतीक्षा न करनी पड़े। तकनीक का सहारा लें और प्रक्रियाओं का सरलीकरण करें।


मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी लाइसेंस कतई न बनने पाएं। आरटीओ ऑफिस में बाहरी व्यक्तियों की अनावश्यक उपस्थिति न हो। साथ ही पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर आरटीओ ऑफिस में भी सुविधाएं प्रदान करें। टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए प्रदेश के आरटीओ कार्यालयों को बनाएं हाईटेक, जिससे उत्तर प्रदेश के आरटीओ कार्यालय देश में मॉडल बनें।


तिरंगा ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का प्रतीक

लखनऊ,विशेष संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। इसका मतलब 140 करोड़ भारतवासियों के चेहरे पर खुशहाली लाना है। इसके लिए समस्त भारतवासियों को देश की समृद्धि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर इस अभियान का हिस्सा बनना होगा।


ये बातें मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत तिरंगा यात्रा बाइक रैली को झंडी दिखाकर रवाना करने के दौरान कहीं। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा लखनऊ महानगर की ओर से राष्ट्र प्रथम की भावना संग यह रैली निकाली गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजादी के 78वें स्वाधीनता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर इस वर्ष भी उत्तर प्रदेश सरकार ने हर घर तिरंगा को साढ़े चार करोड़ घरों तक पहुंचाने का वृहद संकल्प लिया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र में पिछले तीन दिन के अंदर भाजपा के मार्गदर्शन में युवा मोर्चा के उत्साही कार्यकर्ता तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं। इसमें शामिल छात्र, व्यवसायी समेत अनेक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के द्वारा दिख रहा उत्साह नए भारत का दर्शन कराता है। तिरंगा एक भारत-श्रेष्ठ भारत का प्रतीक है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारत माता की जयकार संग हाथ में तिरंगा फहराते अपने आवास से पैदल चले। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीयता, राष्ट्र प्रथम के भाव व पंच प्रण के संकल्पों के साथ जुड़ने का आग्रह किया। इस दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्यसभा सांसद संजय सेठ आदि शामिल हुए।



बेटियों-युवाओं से खिलवाड़ किया तो कड़ी सजा

मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार में अगर किसी ने प्रदेश के युवाओं, बेटियों और व्यापारियों के साथ खिलवाड़ किया तो वह ऐसी सजा देंगे, जो देश और दुनिया के सामने नजीर बनेगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास कोई कार्य नहीं है, वह अफवाह फैलाकर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठवें-सातवें नंबर पर थी, लेकिन अब यहां का युवा देश के किसी भी राज्य में जाता है तो गर्व से खुद को उत्तर प्रदेश का बताता है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे नंबर पर है।