संस्कृत विद्यार्थियों की 24 साल बाद बढ़ी छात्रवृत्ति

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि करने का फैसला लिया गया। यह बढ़ोत्तरी 24 साल बाद की गई है। कैबिनेट ने वर्ष 2001 से लागू वर्तमान छात्रवृति दरों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी। स्वीकृति प्रदान की है। बैठक में कुल 14 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें से 13 प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।



कक्षा छह व सात मेंभी छात्रवृत्ति माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उनके विभाग से संबंधित इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत प्रथमा (कक्षा 6 एवं 7) के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और मध्यमा (कक्षा 8) के लिए 75 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है। इसके साथ ही पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) के लिए 100 , उत्तर मध्यमा के लिए 150 रुपये, शास्त्रत्त्ी के लिए 200 रुपये एवं आचार्य के लिए 250 रुपये प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 517 संस्कृत विद्यालय हैं, जहां विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।