लखनऊ: परिषदीय स्कूलों
में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई नहीं शुरू हो पा रही है। प्रदेश में 18,381 परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों, कंपोजिट विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित की गई थी। रोचक ढंग से पढ़ाई कराने के लिए स्मार्ट क्लास स्थापित की गईं थीं। अब दो वर्ष बाद इन्हें लगाए जाने का ब्योरा मांगा गया तो सिर्फ सात जिले ही अभी तक रिपोर्ट दे पाए हैं।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों को पत्र भेजकर इसकी जानकारी मांगी गई तो अंबेडकर नगर, कासगंज, लखनऊ, रायबरेली, गोंडा, गौतमबुद्ध नगर और कौशांबी को छोड़कर बाकी जिले इसकी जानकारी नहीं तक नहीं दे पा रहे हैं। यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से स्मार्ट क्लास की व्यवस्था सरकारी स्कूलों में की गई थी। शिक्षकों को इसके संचालन का भी प्रशिक्षण दिलाया गया था, लेकिन अभी इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। चित्र व ग्राफ के माध्यम से कक्षा शिक्षण को रोचक बनाने के लिए यह पहल की गई थी। कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी स्मार्ट
क्लास स्थापित की गईं, ताकि विद्यार्थी आसानी से कठिन पाठ समझ सकें। अब सभी जिलों में इन स्मार्ट क्लास का सत्यापन कर रिपोर्ट दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी इसकी जानकारी आनलाइन उपलब्ध कराएंगे। आखिर स्मार्ट क्लास से संबंधित जानकारी जिले क्यों नहीं दे पा रहे इसके लिए जवाब-तलब किया गया है। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी