विद्यालयों में नहीं शिक्षक, छात्र उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश


बरेली। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को नामांकन और छात्र उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इसी क्रम में नामांकन के सापेक्ष मध्याह्न भोजन नहीं ग्रहण कराने पर जिले के 162 विद्यालयों को नोटिस दिया गया है। वहीं, नगर के शिक्षक एकल होने और ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक बारिश के कारण छात्र उपस्थिति कम होने को मुख्य कारण बता रहे हैं।



बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह की ओर से नगर के 69 और भुता के 93 विद्यालयों को नोटिस जारी किया गया है। इसमें कहा गया
है कि एक से 21 जुलाई के बीच विद्यालयों में नामांकन के सापेक्ष 65 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों ने एमडीएम ग्रहण किया। नामांकन के सापेक्ष विद्यार्थियों की उपस्थिति और शिक्षा के स्तर बढ़ाने के लिए कोई 
प्रयास नहीं किया जा रहा है। ऐसे में विद्यालय के प्रधानाध्यापक दो दिनों में स्पष्टीकरण उपलब्ध कराएं। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं मिलने पर संबंधित का वेतन अवरुद्ध कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

नगर क्षेत्र के कई विद्यालयों में एकल शिक्षक हैं। कुछ में एक शिक्षक पर ही दो विद्यालयों की जिम्मेदारी है। इस स्थिति में छात्र नामांकन बढ़ाना और विद्यालय तक बच्चों को लाना चुनौतीपूर्ण होता है। प्रियंका शुक्ला, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ


नगर क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी

नगर क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। कई स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे हैं। प्राथमिक विद्यालय नेकपुर को भी नोटिस दिया गया है। जबकि, यहां के प्रधानाध्यापक के पास मढ़ीनाथ और नेकपुर दोनों का ही प्रभार है। विद्यालय में भी 74 बच्चे पढ़ते हैं। सबसे खराब स्थिति प्राथमिक विद्यालय सिठौरा की है। यहां प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन विभाग उन्हें रिलीव नहीं कर रहा है। विद्यालय में दो शिक्षामित्र हैं। उन पर सनईया के प्राथमिक विद्यालय का भी चार्ज है। वहीं, प्राथमिक विद्यालय रहपुरा चौधरी, हरुनगला आदि भी एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यही हालत नगर के अधिकतर विद्यालयों की है। जहां शिक्षकों की कमी के कारण छात्र उपस्थिति और नामांकन दोनों बढ़ाना शिक्षकों के लिए चुनौती साबित हो रहा है।


बीएसए की ओर से जुलाई की समीक्षा के आधार पर विद्यालयों को नोटिस दिया गया है। जबकि, इस दौरान अत्यधिक वर्षा से ग्रामीण क्षेत्रों में आगमन भी दूभर हो गया था। ऐसे में विद्यार्थी से लेकर शिक्षक भी मुश्किल से स्कूल तक पहुंच पा रहे थे। - नरेश गंगवार, जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ