विधान परिषद आशुतोष सिन्हा (सभापति संसदीय एवं सामाजिक सद्भाव समिति विधान परिषद उ०प्र०) ने शिक्षकों के समर्थन में लिखा यह पत्र


माननीय मुख्यमंत्री जी, उत्तर प्रदेश सरकार।

महोदय

आपको सूचित कराना है कि शिक्षा विभाग में जुलाई माह, वर्ष 2024 से की गयी डिजिटल/ऑनलाइन उपस्थिति अनुपयोगी है और केवल उच्च अधिकारियों द्वारा कमीशनखोरी के लिए यह व्यवस्था लागू की जा रही है। जितने रुपए में उक्त साफ्टवेयर खरीदे गए हैं, उतने में विद्यालय में फर्नीचर, लैब, कंप्यूटर, लैपटॉप की अच्छी व्यवस्था की जा सकती है लेकिन सरेआम घूसखोरी की वजह यह संभव नहीं हो पा रहा है। सरकार द्वारा जितनी सुविधाएँ और जितने पैसे सरकारी स्कूलों में शिक्षकों पे निगरानी रखने के लिए उक्त अनुपयोगी साफ्टवेयर खरीदने में खर्च किये जाते हैं, उससे कम पैसों में विद्यालय प्रागंण में मूलभूत आवश्यक व्यवस्थायें जैसें शुद्ध पेय जल, बालक एवं बालिकाओं के लिए प्रथक प्रथक शौचालय, डिजिटल क्लास, कम्प्यूटर शिक्षा आदि-आदि की समुचित व्यवस्था की जा सकती है, किंतु शिक्षा व्यवस्था के लिऐ आवश्यक उपरोक्त बिन्दुओं के अनुरुप धनराशि व्यय न करते हुए शिक्षकों/ विद्यार्थियों के लिऐ गैर जरुरी- डिजिटल/ऑनलाइन उपस्थिति, प्रत्येक सुबह की बच्चों के साथ सेल्फी आदि में व्यय को बढावा दिया जा रहा है जोकि शिक्षकों के शिक्षण कार्य में बधा स्वरुप कार्य करता है एवं ऐसी कुव्यवस्थाओं की वजह से सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूलों से लगातार पीछे होते जा रहे हैं। शिक्षको की एक और बड़ी समस्या उनसे गैर शैक्षणिक कार्य लेना है। जिसको तत्काल बंद किया जाना चाहिए। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक पढ़ाने के अलावा और सारे काम करते हैं। बीडीसी से लेकर प्रधानमन्त्री तक के चुनाव में यहीं पीसे जाते हैं। यहीं नहीं प्रदेश कि शिक्षकों को बाकी विभागीय कर्मचारियों के भांति हॉफ सी०एल० एवं वार्षिक 31 ई०एल० व अन्य अवकाश मिलने के साथ ही कैशलेश चिकित्सा / चिकित्सा प्रतिपूर्ति के साथ-साथ पुरानी पेंशन (ओ०पी०एस०) की सुविधा भी होनी चाहिये जिससे उनका मनोबल बडेगा एवं प्रदेश का शिक्षा व्यवस्था का स्तर भी बढ़ेगा।

अतः आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुऐ डिजिटल/ऑनलाइन उपस्थिति कि उपयोगता की जाँच कराते हुए इस कुव्यवस्था को तत्काल प्रभाव से बन्द कराया जाए ताकि प्रदेश के विद्यार्थियों एंव शिक्षकों को उनके मूलभूत कार्य शिक्षण एवं शिक्षा ग्रहण के लिए मुक्त किया जा सके। यह कार्य प्रदेश के भविष्य के लिए अत्यन्त आवश्यक एवं लाभकारी है।