सुझाव : जेईई की तर्ज पर दो चरणों में आयोजित हो नीट

 नीट में गड़बड़ी रोकने के लिए इसकी परीक्षा जेईई की तरह दो चरणों में आयोजित करने, परीक्षा से चंद मिनट पहले प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने और इसे लीकप्रूफ बनाने में सर्वश्रेष्ठ तकनीक का इस्तेमाल होना चाहिए। ये सुझाव बुधवार को ‘हिन्दुस्तान’ संवाद में हिस्सा लेने वाले छात्रों, अभिभावकों और विशेषज्ञों ने दिए। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने इस काम में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा और झारखंड में कुल 146 स्थानों पर 20 हजार से अधिक अध्यापकों, अभिभावकों, शिक्षा विशेषज्ञों और छात्रों से इस विषय पर सार्थक संवाद किया। इस दौरान सैकड़ों सुझाव मिले, जिन्हें कलमबद्ध कर हम केंद्र सरकार तक पहुंचाएंगे।


देश की सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में एक नीट में हुई गड़बड़ी के बाद सरकार ने के. राधाकृष्णन समिति को परीक्षाओं को पूरी तरह लीकप्रूफ करने का जिम्मा सौंपा है।


ग्रेस मार्क्स की जगह अतिरिक्त समय दिया जाए संवाद के दौरान अधिकांश छात्रों ने यह भी कहा कि ग्रेस मार्क्स की जगह अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए। परीक्षा के आयोजन से इतर महत्वपूर्ण सुझाव यह भी आया कि देश में यदि मेडिकल को लेकर इतना क्रेज है तो सरकार को मेडिकल कॉलेज और उनमें सीटें बढ़ानी चाहिए। मेडिकल की तरह पैरा-मेडिकल की पढ़ाई को भी प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।


प्रमुख सुझाव


● सीएस या सीए की परीक्षाओं की तर्ज पर प्रश्नपत्रों को परीक्षा केंद्र पर पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए। इसमें कोड का उपयोग होता है, तभी प्रश्नपत्र मिलता है।


● पहले की तरह राज्य स्तर की परीक्षा होनी चाहिए


● परीक्षा कराने वाली एजेंसियों की जवाबदेही तय हो


● पेपर तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग हो। लॉग-इन आईडी डालने के बाद पेपर जेनरेट हो।


● इनक्रिप्टिड प्रश्नपत्र आना चाहिए।


अभिभावक बोले, पेपर लीक से सख्ती से निपटें


संवाद में शामिल अभिभावकों का कहना था कि सरकार को पेपर लीक के मामलों से बेहद सख्ती से निपटना चाहिए। इसके लिए सख्त कानून बनाया जाए और ऐसे मामलों में फास्ट ट्रैक अदालतों में सुनवाई हो। दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी तो इससे एक सख्त संदेश जाएगा। अभिभावकों का यह भी कहना था कि परीक्षा केंद्र छात्रों के घरों के नजदीक बनाए जाएं। जितना मानवीय हस्तक्षेप कम होगा, पारदर्शी परीक्षा की संभावनाएं उतनी अधिक होंगी।