क्या सुविधाएं ऑनलाइन अटेंडेंस के दर्द को खत्म कर पाएंगी?


*क्या सुविधाएं ऑनलाइन अटेंडेंस के दर्द को खत्म कर पाएंगी??* 👇👇👇


* क्या 30 EL le कर आजीवन ऑनलाइन अटेंडेंस लगाना संभव है??
* जब गर्मी अपने पूरे चरम पर होगी तब 7.45 से 2.30 pm तक अध्यापकों को स्कूल आना पड़ेगा। क्या यह व्यवहारिक है!
* जब ठंड अपने रौ पर होगी तो 8.45 से 3.30 तक स्कूल में रहना व्यवहारिक होगा?
* हर जयंती पर चाहे रविवार हो या कोई भी त्योहार सारे स्टाफ को पूरे समय तक स्कूल में रहना पड़ेगा। क्या यह व्यवहारिक है?
* 15 अगस्त, 2 अक्टूबर, 26 जनवरी पर शाम तक स्कूल में टीचर रहेंगे / रहना पड़ेगा।
* कभी किसी की बात तो कभी चंद्रयान तो कभी टीवी पर कोई उद्घाटन कार्यक्रम शाम को 6 बजे दिखाना होगा तो सारे स्टाफ दूर दूर से अपने घरों से आ पाएंगे। क्या यह व्यवहारिक है?
* जब बरसात में स्कूल तो छोड़िए पूरा गांव ही जलमग्न होगा तब अध्यापक क्या करेंगे?
* राज्यकर्मी का दर्जा पाकर क्या अध्यापक पूरे उत्तर प्रदेश में अपने ट्रांसफर के लिए तैयार होंगे। सोनभद्र का टीचर क्या बिजनौर में जायेगा। जबकि लोगों के ब्लॉक ट्रांसफर और समायोजन पर ही घिग्घी बंध जाती है।
* रिटायरमेंट की उम्र 60 करवाने के लिए क्या टीचर तैयार हैं। जब आप अपने तनख्वाह के उच्च शिखर पर होंगे तभी आपको 2 साल पहले ही रिटायर कर दिया जाएगा।
* 14 CL में से ही 7हाफ cL को एडजस्ट करवाने के लिए अध्यापक तैयार हैं


👉👉 क्या Digital attendance lagane के आगामी परिणामों की नियमावली बनी है?
पहले यूनिफॉर्म की गुणवत्ता checking का मुद्दा था पर अब डीबीटी के बाद कोई भी अधिकारी यूनिफॉर्म की क्वालिटी को देखता तक नहीं...
ध्यान रखें Tab एक जिन्न भी हो सकता है भावी निरीक्षण में..।

👉👉Tab का रखरखाव उसका maintanence, tab को सही कराने की जिम्मेदारी, उस पर आने वाला खर्चा, यदि खराब हो जाए तो वेतन न कटने की गारंटी ताकि शिक्षक को अपने एरियर के लिए ऑफिस के चक्कर न लगाने पड़े। 
व्यवस्था सभी डिजिटल हो , सभी दुरुस्त हो तो अटेंडेंस में भी कोई दिक्कत नहीं। 

👉👉 टैबलेट गले की फांस न बने..इसका भी समुचित भावी प्रबन्ध जरूरी है वो भी डिजिटल शुरू होने से पहले...। नहीं तो हर निरीक्षण में ये मुद्दा ही होगा...
वैसे भी tab जब सरकारी संपत्ति है तो घर लाना ले जाना नहीं होना चाहिए क्योंकि काफी दूर दूर से भी शिक्षक आते हैं...

👉👉 कई बार बीएसए और DM के अकस्मात आदेश आते हैं की फलानी जगह कुछ टीचर की ड्यूटी लगाई जाती है जैसे खेल आयोजन में, गंगा किनारे प्लास्टिक बटोरने में, योग आयोजन में वगैरा। उन समय की ऑनलाइन क्या व्यवस्था होगी?

👉👉 *मांगें स्वयं को भस्म करने के समान नही होनी चाहिए।* जैसे हम ऑनलाइन कार्य अपने मोबाइल से नही करेंगे टैबलेट दो। दे दिया। अपने sim को नही लगाएंगे, विभागीय sim दो। दे दिया। डाटा दो। दे दिया। अब el दो अगर गर्मी ठंडी की छुट्टी काट कर दिया तब क्या होगा! क्या तब ऑनलाइन अटेंडेंस सही होगा ? 

👉👉एक बार शुरू हो गया तो फिर हमेशा रहेगा। *हमे सिर्फ यह कहना चाहिए की हम ऑनलाइन सब कार्य कर देंगे मगर किसी भी कीमत पर अपनी हाजरी ऑनलाइन नही देंगे।*
सीधी सी बात है कि किसी भी दशा में टीचर्स की ऑनलाइन अटेंडेंस व्यवहारिक नही है। सीधा विरोध होना चाहिए। *जो चल रहा है वो ठीक है।* अगर एक्स्ट्रा EL मिले (बिना सर्दी या गर्मी की छुट्टी काटे), एक्स्ट्रा 15 हाफ cL मिले, सुबह 5 बार आधा या 1 घंटा तक लेट हो जाने की छूट मिले तो ही कुछ संभव है। 

*फिर भी मेरा इतना जरूर कहना होगा की कोई भी छूट ऑनलाइन अटेंडेंस के आजीवन कष्ट की भरपाई नहीं कर सकेगी।*