सहायता प्राप्त विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार, सरकारी योजनाओं का इंतजार

गंगापार, क्षेत्र में सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं के लाभ का इंतजार है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सौतेला रवैया अपनाने से सहायता प्राप्त माध्यमिक और बेसिक के शिक्षकों में असंतोष है। शिक्षको का कहना है कि बच्चों को ड्रेस, जूता, मोजा, बैग और स्वेटर के लिए धनराशि नहीं दी जा रही है। साथ ही निशुल्क पाठ्य पुस्तकों को भी उपलब्ध कराने में भी भेदभाव हो रहा है।

परिषदीय विद्यालयों को डीबीटी के माध्यम से ड्रेस आदि के लिए 1200 रुपये की धनराशि प्राप्त होती है। शासन की ओर से इसके लिए धनराशि भी आवंटित की गई है। लेकिन मनमानी तरीके से सहायता प्राप्त विद्यालयों के बच्चों को धनराशि आवंटित नहीं की गयी है।




चार महीने बीतने को है, नब्बे प्रतिशत से अधिक बच्चों के खातों में डीबीटी का पैसा भी अभी तक नही भेजा गया। इस संबंध में विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि विभागीय योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से सहायता प्राप्त स्कूलों की छात्र संख्या दिन-ब-दिन प्रभावित होती चली जा रही है। विकासखंड कौंधियारा के अंतर्गत सात सहायता प्राप्त विद्यालय हैं, जिसमें से चार माध्यमिक से संचालित हैं, और तीन बेसिक शिक्षा परिषद से। चार महीने बीतने को है,किसी भी विद्यालय के छात्रों को इस वर्ष निःशुल्क पुस्तकें नही प्राप्त हुई है। परमेश्वर दीन इण्टर कॉलेज पीड़ी के प्रधानाचार्य महेंद्र तिवारी का कहना है कि इस वर्ष विद्यालय में किसी भी छात्र को निःशुल्क किताबें नही मिली है। यहां तक कि चा महीने से एमडीएम का पैसा भी नही मिला है।अपने निजी स्रोतों से एमडीएम बनवाना पड़ रहा है।ज्यादातर बच्चो के खाते में डीबीटी का पैसा भी नही गया।सभी सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। आगामी दिवसों में यदि पुस्तकें और एमडीएम की धनराशि विद्यालय के खाते में नही भेजी जाती तो मुख्यमंत्री पोर्टल पर इस मामले की शिकायत की जाएगी,इसके अलावा अगस्त माह से विद्यालय में एमडीएम योजना भी बंद कर दी जाएगी।



जिन विद्यालयों के छात्रों का गत वर्ष का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज नही है, ऐसे विद्यालयों में इस वर्ष किताबें नही भेजी जाएंगी। इसके अलावा जिन अभिभावकों का खाता वेरिफाई होगा उन्हीं के खाते में पैसा भेजा जाएगा।


प्रवीण कुमार तिवारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, प्रयागराज