स्क्रीनिंग परीक्षा के पेपर भी डिजिटल लॉक वाले बक्सों में होंगे सुरक्षित, सीसीटीवी कैमरों के जरिये होगी लाइव स्ट्रीमिंग, कंट्रोल रूम से रखी जाएगी नजर


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पीसीएस, आरओ/एआरओ जैसी महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षाओं की तरह सीधी भर्तियों की स्क्रीनिंग परीक्षा में भी प्रश्न पत्रों को लोहे के बक्सों में सुरक्षित रखा जाएगा। स्क्रीनिंग परीक्षा की भी लाइव स्ट्रीमिंग होगी और आयोग में स्थापित कंट्रोल रूम से परीक्षा पर सीधी नजर रखी जाएगी। आयोग ने सहायक नगर नियोजक प्रारंभिक बर परीक्षा से तमाम नई व्यवस्थाएं लागू कर दी हैं। 






 इन व्यवस्थाओं को सीधी भर्तियों की स्क्रीनिंग परीक्षा में भी लागू किया जाएगा। दरअसल, पहले सीधी भर्ती में स्क्रीनिंग परीक्षा केवल अभ्यर्थियों की छंटनी के लिए होती थी और इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया जाता था। ऐसे में स्क्रीनिंग परीक्षा का बहुत महत्व नहीं होता था।


पिछले दिनों आयोग की ओर से लिए गए एक निर्णय के बाद सीधी भर्ती में स्क्रीनिंग परीक्षा का महत्व बढ़ गया है। अब अभ्यर्थियों के चयन में स्क्रीनिंग परीक्षा की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। अभ्यर्थियों के चयन में स्क्रीनिंग परीक्षा के 75 फीसदी अंक और इंटरव्यू के केवल 25 फीसदी अंक जोड़े जाएंगे। ऐसे में अन्य भर्ती परीक्षाओं की तरह सीधी भर्ती में भी स्क्रीनिंग परीक्षा ही मुख्य रूप से अभ्यर्थियों के चयन का आधार होगी।


आयोग के सूत्रों ने बताया कि स्क्रीनिंग परीक्षा के प्रश्न पत्र भी कई स्तरीय सुरक्षा वाले लोहे के बक्सों में रखे जाएंगे। बक्से के दोनों तरफ ताला लगा रहेगा और डिजिटल लॉक भी होगा। परीक्षा शुरू होने से कुछ देर पहले लॉक का कोड बताया जाएगा और बक्सों से प्रश्न पत्र निकाले जाएंगे। वहीं, प्रश्न पत्रों पर बारकोड होंगे, ताकि प्रश्नपत्र के यूनिक सीरीज की जानकारी न हो सके और उस पर ए, बी, सी, डी सीरीज अंकित न हो। ओएमआर तीन प्रतियों में होगी। एक प्रति आयोग के पास रहेगी, एक प्रति अभ्यर्थी की दी जाएगी और एक प्रति कोषागार में संरक्षित रखी जाएगी।


स्क्रीनिंग परीक्षा के प्रश्न पत्र भी दो अलग- अलग प्रिंटिंग प्रेसों में छपवाए जाएंगे। दो प्रश्न पत्र छपेंगे और इनमें कौन सा पेपर वितरित किया जाएगा, यह परीक्षा शुरू होने से पांच घंटे पहले तय किया जाएगा। स्क्रीनिंग परीक्षा के दौरान सभी केंद्रों में सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी और आयोग की टीम कंट्रोल रूम से इस पर सीधी नजर रखेगी। परीक्षार्थियों की बायोमीट्रिक हाजिरी होगी और उनकी पहचान के लिए आइरिस कैप्चरिंग की व्यवस्था होगी।