शिक्षक का दर्द: एक शिक्षक की कलम✍️ से



हठ कर बैठा मास्टर एक दिन...

मन्त्री से यह बोला,

दिलवा दो मन्त्री जी मुझको...

एक ठौ उड़न खटोला।


सड़कें सारी टूटी-फूटी...

कैसे गाड़ी चलाऊँ,

समय पर यदि मैं पहुँच न पाऊँ...


तो सेल्फी कैसे भिजवाऊँ।

मांग मेरी छोटी सी है सर...

दे दो एक चपरासी,


नमक मसाला तेल दूध

और फल लाए सब्ज़ी ताजी।

कोटेदार से राशन लाए...


गेहूं भी पिसवाए,

गैस अगर चुक गई अचानक...

सिलेंडर भी भरवाए।

एक समस्या और है सर जी...

उसको भी सुन लीजै,

जहाँ हैं केवल दो ही मास्टर...

तीन तो कर ही दीजै।

एक अगर बीमार पड़ा गर...

छुट्टी तो मिल जाए,

एक अकेला अध्यापक सब...

कक्षा कैसे पढाए।

एक सूचना बार-बार सर...

देना ही पड़ता है,

फोटो कापी करवाने को सर...

आना ही पड़ता है।

अब तो आप बताएं सर जी...

कैसे काम चलाऊँ,

एक अकेला अध्यापक हूँ...

सेल्फी कैसे भेजवाऊँ।

और भी बहुत समस्या है सर...

क्या क्या मैं गिनवाऊँ,

🙏🙏🙏🙏


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