उपस्थिति दर्ज करने को लेकर शिक्षकों ने रखी शर्त, विरोध शुरू


परिषदीय स्कूलों में 15 जुलाई से टैबलेट पर चेहरा दिखाकर शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी यानी फेस रिकाग्निशन सिस्टम के माध्यम से हाजिरी लगाई जाएगी। स्कूलों को इसके लिए टैबलेट दिए गए हैं और सिम खरीदने व इंटरनेट की सुविधा के लिए धन भी दिया जा चुका है। 




ऐसे में अब अधिकारी हर हाल में इस व्यवस्था को लागू कराने पर जोर दे रहे हैं। उधर शिक्षकों ने शर्त रखी है कि अगर वह किन्हीं कारणों से विलंब से पहुंचे तो उन्हें छूट दी जाए शिक्षकों ने मांग की है कि विलंब होने पर उन्हें पूरे दिन के लिए अनुपस्थित न माना जाए। अर्द्ध अवकाश या फिर तीन दिन विलंब होने पर एक आकस्मिक अवकाश लेने की छूट दी जाए। उपस्थिति व मिड-डे मील सहित 12 रजिस्टर डिजिटल किए जाएंगे। उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव कहते हैं कि बड़ी संख्या में शिक्षक दूर-दराज के क्षेत्रों से विद्यालय आते हैं। किन्हीं कारणों से वह लेट हो जाएं तो पूरे दिन के लिए अनुपस्थित न माना जाए। उपस्थिति सुबह विद्यालय खुलते समय और बंद होते समय लगाने की व्यवस्था की गई है। 




उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कि अगर कोई शिक्षक पांच मिनट भी दे से पहुंचता है तो उसका एक दिन का वेतन कट जाएगा। टैबलेट से उपस्थिति दर्ज करने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इसे व्यावहारिक लैब बनाया जाए। अर्जित अवकाश की सुविधा भी शिक्षकों को दी जाए। पहले भी इस व्यवस्था को लागू कराने के प्रयास किए गए थे लेकिन विरोध के बाद यह लागू न हो सका। अब स्कूली शिक्षा महानिदेशालय शिक्षकों की मांग पर विचार कर रहा है।