जहाँ बिजली नहीं वहां शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी पर उठे सवाल

 मांडा विकास खंड के सोलह प्राथमिक विद्यालयों व दो उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अभी तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है, जिससे इन विद्यालयों में पंखे और रनिंग वाटर की आपूर्ति भी नहीं हो पाती । ऐसी दशा में इन विद्यालयों में शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति कैसे होगी? इसे लेकर शिक्षकों में चर्चा रही।

मांडा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मांडा खास पहाड़ी, प्राथमिक विद्यालय ढखरा, प्राथमिक विद्यालय बेलहा व प्राथमिक विद्यालय अलमा गंज आदि विद्यालयों में विद्युतीकरण के लिए विभाग द्वारा धनराशि ही नहीं आयी है। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय इस्लामपुर, उसकी कला, बड़का पूरा, पूरा पांडेय, देवा, उसकी खुर्द, बसियातारा, सिकरा, चैनपुर, पूरा दक्षिण, उल्दा, चपरतला व उच्च प्राथमिक विद्यालय शुकुलपुर पहाड़ी व रामपुर में विभाग द्वारा धनराशि दिये जाने के बावजूद अभी तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है। विद्युतीकरण न होने से इन विद्यालयों के छात्रों के लिए पंखे की बात भी कल्पना ही है, जिससे इस भीषण गर्मी में इन विद्यालयों के मासूम छात्रों को बिना पंखे झुलसना पड़ता है। बिजली न होने से इन विद्यालयों के शौचालयों तक रनिंग वाटर भी नहीं पहुंच पाता। अब नये सरकारी फरमान के मुताबिक शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति को लेकर ऐसे विद्युत विहीन विद्यालय चर्चा में हैं।

हालांकि बीआरसी दावा करता है कि मांडा क्षेत्र के सभी विद्यालयों में पेयजल की समुचित व्यवस्था है, लेकिन मांडा ब्लॉक द्वारा जानकारी दी गई कि चार प्राथमिक व एक उच्च प्राथमिक विद्यालयों के हैंडपंप खराब हैं, जिनको ठीक कराने के लिए संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा लिखित मांग की गई है। खंड शिक्षा अधिकारी मांडा आरपी सिंह ने तीन माह पहले ही सभी प्रधानाध्यापकों ने बिजली के कनेक्शन हेतु आवेदन आनलाइन कर दिया था, लेकिन 18 विद्यालयों में आनलाइन आवेदन के बावजूद अभी तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है। फिलहाल एक तरफ आनलाइन शिक्षा और शिक्षकों की उपस्थिति, कंप्यूटर शिक्षा आदि की प्राइवेट विद्यालयों में कक्षा एक, दो से ही शुरू कर दिया जाता है, लेकिन परिषदीय विद्यालय अभी भी बिना बिजली, पानी संचालित हो रहे हैं।