शिक्षकों के विरोध के कारण पहले ही दिन धड़ाम हुई ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था


शिक्षकों के भारी विरोध के कारण पहले दिन ही परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था धड़ाम हो गई। पूरे प्रदेश में बमुश्किल नौ शिक्षकों ने ही ऑनलाइन हाजिरी लगाई बाकि ने इस नई व्यवस्था का बहिष्कार किया। दूसरी तरफ सरकार ने आशा व्यक्त की है कि समय की पाबंदी के मामले में शिक्षक जिम्मेदारी मानेंगे और अगले एक सप्ताह या एक पखवाड़े के भीतर उनकी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के आंकड़े में सुधार होगा। वहीं शिक्षक संगठनों के आह्वान पर शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया और आनलाइन उपस्थिति से उन्हें मुक्त रखे जाने की मांग दोहराई है।



सिर्फ नौ न लगाई आनलाइन हाजिरी

दरअसल, प्राइमरी शिक्षकों के लिए 8 जुलाई से ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य की गई थी। इस निर्णय के खिलाफ प्रदेश भर के शिक्षक संगठनों ने आदेश लागू होने के एक दिन पूर्व से ही मोर्चा खोल दिया था। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के जरिए शिक्षक इस आदेश का विरोध करना शुरू कर दिया था। विरोध को देखते हुए डीजी स्कूल शिक्षा की ओर से सुबह के समय ऑनलाइन हाजिरी लगाने के लिए आधे घंटे का अतिरिक्ति समय भी दिया गया लेकिन शिक्षकों का विरोध जारी रहा। नतीजा, सोमवार को जब स्कूल खुले तो शिक्षक काली पट्टी बांधकर पहुंचे और शिक्षण कार्य निपटाया परन्तु 99 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई।

ऑनलाइन उपस्थिति के ये थे आदेश

डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे आठ जुलाई से शिक्षकों के विद्यालय आने का समय डिजिटल उपस्थिति पंजिका में सुबह 7:45 बजे से आठ बजे तक दर्ज कराएं। बाद में एक अन्य निर्देश जारी कर अग्रिम आदेश तक ऑनलाइन हाजिरी में 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिए जाने की छूट दी गई। इस प्रकार से शिक्षक सुबह 8:30 बजे तक (कारण सहित उल्लिखित करते हुए) अपनी उपस्थित दर्ज करा सकेंगे। यह सूचना सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भी भेज दी गई।

ऑनलाइन हाजिरी का शिक्षक संगठनों की ओर से हो रहा भारी विरोध

शिक्षक संगठन इस नई व्यवस्था का पहले दिन से भारी विरोध कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि यह आदेश न्यायसंगत नहीं है। सभी शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक 20 जुलाई तक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करते हुए अपना विरोध दर्ज कराएंगे। इसके बाद भी शासन की आंख नहीं खुलती हैं तो कार्य बहिष्कार का फैसला लिया जा सकता है। यूटा के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि संगठन ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में हाईकोर्ट की शरण में जा रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के लखनऊ जिला अध्यक्ष डॉ. प्रभा कांत मिश्रा ने तो दावा किया कि शिक्षकों का विरोध शत-प्रतिशत सफल रहा। अपने इस विरोध से शिक्षकों ने विभाग को आईना दिखाने का काम किया है। यह विरोध 14 जुलाई तक काली पट्टी बांध व आनलाइन उपस्थिति किसी भी कीमत पर न देकर किया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजा गया तो अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने काली पट्टी बांधकर विरोध किया