बढ़ते खर्च व महंगाई को देखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर एक लाख कर सकती है सरकार: केपीएमजी


बढ़ते खर्च और महंगाई को देखते हुए सरकार बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर सकती बजट से है। परामर्श फर्म केपीएमजीम्मीदें का कहना है कि बजट होम लोन व्याज पर कर छूट बढ़ाने और पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाए जाने की उम्मीद है। केपीएमजी ने एक टिप्पणी में कहा, चिकित्सा खर्च, ईंधन लागत और समग्र महंगाई में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ऐसे में अधिक खर्च करने योग्य आय उपभोक्ताओं के हाथ में देने के लिए उम्मीद है कि नई कर व्यवस्था के तहत मूल कर छूट सीमा को तीन लाख



रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जा सकता है। टिप्पणी में होम लोन के संबंध में कहा गया कि ब्याज दरों में हालिया वृद्धि और विनियामक सुधारों के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र पर दबाव

बढ़ रहा है। इन चुनौतियों को कम करने और मकान खरीदने को बढ़ावा देने के लिए सरकार होम लोन ब्याज पर छूट को 2.50 लाख से बढ़ाकर तीन लाख कर सकती है। 



बीमा : बजट सत्र में पेश हो सकता है संशोधन विधेयक

सरकार 2047 तक सभी के लिए बीमा के
लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगामी
बजट सत्र में बीमा अधिनियम-1938 में
संशोधन वाला विधेयक पेश कर सकती है। सूत्रों ने बताया, संशोधन विधेयक में शामिल किए जा सकने वाले कुछ प्रावधानों में समग्र लाइसेंस, अंतर पूंजी, सॉल्वेंसी मानदंडों में राहत, कैप्टिव लाइसेंस जारी करना, निवेश नियमों में बदलाव और बीमा कंपनियों को अन्य वित्तीय उत्पाद वितरित करने की अनुमति देना शामिल हैं।