भर्ती में आरक्षण पर सपा ने फिर भाजपा सरकार को घेरा


लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर भर्तियों में ओबीसी व एससी के आरक्षण में घपले का आरोप लगाया है। सपा सांसद लालजी वर्मा ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) द्वारा निकाले गए टेक्निकल असिस्टेंट के पदों की भर्ती में ओबीसी व एससी को कम आरक्षण देने का आरोप लगाया है। 





सपा ने प्रदेश सरकार से इस विज्ञापन को निरस्त कर नए सिरे से भर्ती करने की मांग की है। वहीं, कृषि विभाग का कहना है कि आरक्षित पदों की गणना कुल स्वीकृत पदों के अनुसार होती है। सपा सांसद लालजी वर्मा ने इससे पहले लखनऊ के एसजीपीजीआइ की भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाया था। इसके बाद एनडीए में शामिल अपना दल (एस) व केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर साक्षात्कार के जरिये भरे जाने वाले पदों में आरक्षण में गड़बड़ी की बात कही थी। हालांकि सरकार ने अनुप्रिया के आरोपों को सिरे से नकार दिया था। एसजीपीजीआइ ने भी सपा के आरोप को

निराधार बताया था। अब नया मामला यूपीएसएसएससी का है। यहां पर कृषि विभाग की टेक्निकल असिस्टेंट पदों पर भर्ती में आरक्षण का पालन न होने के आरोप सपा ने लगाया है। सपा सांसद लालजी वर्मा ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर लिखा कि यूपीएसएसएससी द्वारा 'टेक्निकल असिस्टेंट ग्रुप सी' के लिए कुल 3446 पदों पर विज्ञापन निकाला गया। इसमें ओबीसी को मिलने वाले संवैधानिक आरक्षण 27 प्रतिशत के हिसाब से 930 सीटें मिलनी चाहिए लेकिन केवल 629 सीटें प्रदान की गई हैं।

वहीं, एससी वर्ग को 21 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से 723 सीटें मिलनी चाहिए लेकिन केवल 509 सीटें दी गई हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि आखिर क्यों ओबीसी व एससी वर्ग के पदों पर डाका डाला जा रहा है? इस विज्ञापन को रद करके दोबारा संवैधानिक आरक्षण के अनुसार पदों का बंटवारा करते हुए यह विज्ञापन निकाला जाए.


हम लोग तो भर्ती एजेंसी है, पदों को
घटाने-बढ़ाने का अधिकार हमारे पास नहीं होता है। विभाग से जो अधियाचन आता है उसी के अनुसार भर्तियां करा दी जाती है। जहां तक आरक्षण की बात है तो यह कैडर के कुल स्वीकृत पदों पर लगता है।
अवनीश सक्सेना, सचिव, यूपीएसएसएससी


इसमें कोई गडबडी नहीं है। आरक्षण श्रेणीवार कुल उपलब्ध कर्मियों की संख्या को गणना में शामिल करके निकाला जाता है, न की केवल विज्ञापित पदों की संख्या के अनुसार। भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरक्षण कुल स्वीकृत पदों के सापेक्ष तय मानकों के अनुकूल ही होगा।

- वीके सिसोदिया, अपर निदेशक, कृषि