लखनऊ। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि शिक्षाधिकारी शिक्षकों पर डिजिटल अटेंडेंस देने का दबाव बना रहे हैं जो अनुचित है। विभाग शिक्षकों की व्यावहारिक समस्याओं का समाधान खोजें, उनकी मांगे माने जाने से पहले डिजिटल अटेंडेंस नहीं दर्ज कराई जाएगी। वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश सिंह शर्मा ने सभी शिक्षकों से विभाग के सभी ग्रुप छोड़ने की अपील की है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर डॉ. शर्मा ने लिखा कि टैबलेट लॉगिन के लिए ओटीपी शिक्षक के पर्सनल नंबर पर आ रहा है। दूसरी
तरफ विद्यालय में फोन प्रयोग करने पर शिक्षक को निलंबित किया जा रहा है। इसलिए आप केवल शिक्षण करें, मांगे माने जाने तक अपने व्यक्तिगत नंबर से कोई विभागीय
सूचना न दें, सभी विभागीय ग्रुप से बाहर निकल जाएं। इसके बाद काफी शिक्षकों ने सरकारी ग्रुप से व्यक्तिगत मोबाइल नंबर से हट भी गए हैं।
कल जिलों में बीएसए को ज्ञापन
डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से हर ब्लॉक में शिक्षकों के बीच दो दिन सर्वे कराया गया था। इसमें अधिकतर शिक्षकों ने इस व्यवस्था का विरोध किया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि इस क्रम में अब 15 जुलाई को हर जिले में शिक्षक बीएसए को ज्ञापन देंगे। वहीं 23 अक्तूबर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर सीएम को संबोधित ज्ञापन भेजेंगे।
शनिवार को भी मात्र 0.39 फीसदी रही उपस्थिति
बेसिक शिक्षा विभाग की तमाम सख्ती और प्रयास के बाद भी शिक्षक-कर्मचारी डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगा रहे हैं। वह इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। शनिवार को भी सुबह शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालयों में गए और शिक्षकों- कर्मचारियों से वार्ता कर उनसे डिजिटल अटेंडेंस लगाने को कहा, लेकिन वह नहीं माने। शिक्षक संगठनों के अनुसार शनिवार को भी पूरे प्रदेश में मात्र 0.39 फीसदी शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज कराई है।