इस घालमेल के लिए लापरवाही पर अधिकारयों पर कार्यवाही कब ??प्रशिक्षण के चार माह बाद भी शिक्षकों को नहीं मिले 51.20 लाख रुपये


प्रशिक्षण के चार माह बाद भी शिक्षकों को नहीं मिले 51.20 लाख रुपये


उन्नावः अधिकारियों

की लापरवाही से प्रशिक्षण में शिक्षक के हक का 51.30 लाख रुपया लैप्स हो गया है। प्रशिक्षण कराए जाने के बाद दो दिन के अंदर शिक्षकों के खाते में पैसा भेजने के निर्देश शासन ने दिए थे। लेकिन, अधिकारी भूल गए। जिसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। अधिकारियों की इस लापरवाही शिक्षक संगठन नाराज है और 18 जुलाई को फिर उच्चाधिकारियों को पत्र देकर मामले में कार्रवाई की मांग कर रहा है। वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 के मार्च में दिए गए प्रशिक्षण के चार माह बाद भी शिक्षकों को प्रशिक्षण का रुपया न मिलना अध्यापकों में दबी जुबान घालमेल की चर्चा भी बन रहा है।

जिले के 16 विकासखंड और नगर प्राथमिक स्तर के 1883 प्राथमिक विद्यालय के 7544 शिक्षको, शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण दिया गया। नगर में प्राथमिक स्तर के 1883, ब्लाक में प्राथमिक विद्यालय के 7544 शिक्षक, शिक्षामित्रों को चार दिवसीय आधारभूत साक्षरता एवं प्रशिक्षण (एफएलएन) दिया गया। प्रशिक्षण में शिक्षकों के नाश्ता, भोजन और यात्रा
भत्ता के लिए प्रति शिक्षक 680 रुपये शासन से ग्रांट प्राप्त हुआ था। वहीं 30 रुपये प्रति शिक्षक के हिसाब से स्टेशनरी के लिए पैसा भी जारी हुआ था। स्टेशनरी का पैसा तत्काल भेज दिया गया था।


जबकि, कई ब्लाकों में प्रशिक्षण काफी पहले और कई में 31 मार्च से कई दिन पहले प्रशिक्षण संपन्न होने के बाद भी विभागीय जिम्मेदारों ने शिक्षकों के खाना, नाश्ता आदि का पैसा खाते में नहीं भेजा। यह रुपया निपुण भारत मिशन के तहत बुनियाद भाषा एवं आधारित चार दिवसीय प्रशिक्षण में शिक्षक के हक का था। प्रशिक्षण कराए जाने के बाद दो दिन के भीतर शिक्षकों के खाते में पैसा
भेजने के निर्देश को अमल में न लाने
के कारण अफसरों की गलती का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। एसएसए का कहना है कि जनपद के सभी बीआरसी द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों की डिटेल में उसका नाम, खाता संख्या को भेजने में देरी होने से दिक्कत सामने आई। वहीं आरोप है कि एसएसए की ओर से भी लापरवाही बरती गई।

10 से 12 लाख रुपये भुगतान का दावा सर्व शिक्षा अभियान में तैनात जिम्मेदारों का कहना है कि प्रति शिक्षक जो 680 रुपये शासन से मिला था। वह पूरा 51 लाख 29 हजार 920 रुपये था। इसके सापेक्ष 20 फीसदी करीब 10 से 12 लाख रुपये शिक्षकों के खाते में भेजा दिया गया।


कुछ तकनीकी समस्याओं के
कारण ऐसी दिक्कत सामने आई है। जिसके कारण पूरा पैसा शिक्षकों के खाते में नहीं भेजा गया जा सका है। मगर यह बजट जो लैप्स हुआ है वह आगे प्राप्त होना है। जिसके बाद तत्काल शिक्षकों के खाते में उसे भेज दिया जाएगा।
- अनिल द्विवेदी, सहायक एवं वित्त लेखाधिकारी