एक शिक्षक संभाल रहा 5 स्कूलों की जिम्मेदारी


आगरा। सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना भी चाहते हैं और पांच स्कूलों की जिम्मेदारी एक ही शिक्षक को दे रखी है।



बच्चों के लिए प्राइमरी स्कूल 28 जून से खुलने वाले हैं, लेकिन शिक्षकों के लिए मंगलवार से ही खुल गए। इस दौरान स्कूल की साफ-सफाई से लेकर बच्चों के स्वागत की तैयारी शुरू हुई।

जिन शिक्षकों के पास एक से अधिक स्कूल हैं। वह दिनभर तैयारी में लगे रहे। नगर क्षेत्र में अंतर्गत 135 प्राथमिक, जूनियर व कंपोजिट विद्यालय हैं, जिनमें सरकारी शिक्षकों की संख्या 101 है। इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 16,800 है। शिक्षक हेमंत कर्दम बताते हैं कि वर्तमान- में उनके पास 5 स्कूलों की जिम्मेदारी है। उनके मूल स्कूल इस्लाम नगर में 265 बच्चे हैं, जिसमें उनकी सहायता के लिए एक शिक्षामित्र है। नाई की सराय प्राथमिक - विद्यालय में 122, राय बहादुर जीवन नगर स्कूल में 80, प्राथमिक कन्या विद्यालय

एआरपी भी व्यस्त
नगर क्षेत्र के एआरपी (शैक्षणिक विशेषज्ञ) करण धाकड़ ने
बताया कि एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) को स्कूल व ऑफिसों के काम में लगा देते हैं। जबकि हमारा काम महीने में 30 स्कूलों में जाकर शिक्षा की गुणवत्ता को निखारने में सहायता देना है।

हेमंत कर्दम

ढोलीखार, श्याम नगर में 102 बच्चे हैं। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय कचहरी घाट स्कूल की जिम्मेदारी भी मुझ पर ही है।

ऐसे में सभी स्कूलों में उनकी सहायता के लिए एक-एक शिक्षामित्र है। पांचों स्कूलों की जिम्मेदारी होने के कारण कई वर्षों से पढ़ाने की जगह मिड-डे-मील व अन्य तरह की व्यवस्था देखने में व्यस्त रहता हूं।

ये हैं नियम

■ प्राइमरी विद्यालयों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए।

■ जूनियर विद्यालयों में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए।

■ जनपद में प्राइमरी के 2492 स्कूलों पर करीब 7 हजार शिक्षक की तैनाती।

देंगे ज्ञापन
6 नगर क्षेत्र में शिक्षकों की संख्या बेहद कम है। कई शिक्षक हैं, जिन पर कई स्कूलों की जिम्मेदारी दे रखी है। पूर्व में अनेक बार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला अधिकारी को अवगत कराया। जल्द ही उच्च अधिकारियों को ज्ञापन देंगे। राजीव वर्मा, जिला महामंत्री, यूटा

जल्द पूरे होंगे शिक्षक
" स्कूलों में शिक्षकों की कमी से बहुत समय से है। जल्दी ही नगर क्षेत्र में स्कूलों के समायोजन नीति के तहत शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा। - जितेंद्र गॉड, बेसिक शिक्षा अधिकारी