प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के जिले के अंदर शिक्षकों की समायोजन की प्रक्रिया दो जुलाई से शुरू होगी। विभाग 19 जुलाई तक इस प्रक्रिया को पूरा करेगा। इसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया।
विभाग के अनुसार जिले के अंदर छात्र संख्या के अनुसार निर्धारित मानक से अधिक शिक्षकों वाले विद्यालय से कम शिक्षकों वाले विद्यालय में तबादला किया जाएगा।
इसके लिए डीएम की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कमेटी आवश्यक प्रक्रिया पूरी करेगी। इसके अनुसार दो जुलाई को अधिक शिक्षक संख्या वाले और जरूरत वाले विद्यालयों का चिह्नांकन किया जाएगा। पांच जुलाई तक चिह्नित विद्यालयों में शिक्षकों की गणना की जाएगी।
दस जुलाई तक शिक्षकों द्वारा बीएसए कार्यालयों में आपत्ति करनी
होगी और समिति इसका निस्तारण करेगी। 11 जुलाई तक आवश्यकता से अधिक शिक्षकों वाले विद्यालयों के शिक्षक अधिकतम 25 विद्यालयों का विकल्प ऑनलाइन देंगे। 13 जुलाई
तक बीएसए इन आवेदनों को सत्यापित करेंगे। 15 जुलाई तक एनआईसी के सॉफ्टवेयर के माध्यम से चिह्नित शिक्षकों की तबादला सूची जारी की जाएगी। 17 जुलाई
तक अधिक शिक्षक वाले विद्यालयों के चिह्नित शिक्षकों को सेवा अवधि के आधार पर सूचीबद्ध किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल पर 19 जुलाई को समायोजन की सूची जारी की जाएगी। इसी दिन शिक्षकों को कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। सभी बीएसए को भेजे निर्देश में उन्होंने कहा है कि इससे पूर्व 12460 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों की विद्यालय आवंटन की कार्यवाही पूरी कर एक जुलाई तक पूरा डाटा मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट किया जाए
समायोजन की तिथि पर नाराजगी
हालांकि 31 जुलाई तक छात्र नामांकन संख्या के आधार पर किए जा रहे समायोजन को लेकर शिक्षक संगठन ने नाराजगी जताई है। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि शिक्षकों ने लंबी कवायद कर अप्रैल में नए बच्चों का नामांकन कराया है। ऐसे में समायोजन के मानक का निर्धारण 31 जुलाई तक लेना चाहिए। हर साल समायोजन 30 सितंबर तक होता है, इस बार इतनी जल्दी क्यों? इसे लेकर अगर नियमों में संशोधन नहीं किया गया तो हम न्यायालय की शरण लेंगे