लखीमपुर खीरी। बच्चों के कम नामांकन वाले स्कूलों के शिक्षक इस बार राज्य शिक्षक पुरस्कार से वंचित रह जाएंगे, क्योंकि उनके आवेदन ही स्वीकार नहीं किए जाएंगे। राज्य शिक्षक पुरस्कार नियमावली में संशोधन करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। आदेश आने के बाद नवाचारी शिक्षकों में मायूसी देखी जा रही है।
शनिवार से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए विद्यालय में छात्रों के नामांकन को मानकों में पहले स्थान पर रखा गया है। पुरस्कार के लिए शिक्षकों को प्रेरणा वेब पोर्टल पर 15 जून से 10 जुलाई के बीच ऑनलाइन आवेदन करने हैं। 15 से 25 जुलाई के बीच जनपद चयन समिति शिक्षकों के आवेदन पत्रों के सत्यापन व मूल्यांकन के बाद मानकों पर खरे उतरने वाले दो शिक्षकों के आवेदन चयनित कर प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से राज्य चयन समिति को भेजेगी।
राज्य चयन समिति 26 जुलाई से 10 अगस्त के बीच प्रत्येक जनपद के श्रेष्ठ शिक्षकों का साक्षात्कार करने के बाद चयन की संस्तुति करेगी। चयनित शिक्षक को शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर पुरस्कृत किया जाएगा। नियम में इस बार आवेदक शिक्षक की 15 वर्ष की श्रेष्ठ सेवा होना चाहिए। सेवानिवृत्त के लिए पांच वर्ष की सेवा बाकी हो। साथ ही प्राथमिक विद्यालय में 150 से कम, उच्च प्राथमिक विद्यालय में 105 से कम एवं कंपोजिट विद्यालय में 255 छात्र-छात्राओं से कम नामांकन न होने पर शिक्षक इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
शिक्षकों को रास नहीं आ रहा यह आदेश
छात्र संख्या के आधार पर आवेदन करने के आदेश से नवाचारी शिक्षकों में मायूसी देखी जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि नगर क्षेत्र के विद्यालय में छात्रों का टोटा रहता है। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में यह मानक पूरे करने वाले ब्लॉक के विद्यालय उंगलियों पर गिने जा सकते हैं। उन्होंने इस नियम को संशोधित करने की मांग की है।