ऑनलाइन उपस्थिति: लेकिन इसके संदर्भ में ये मांग ही गलत की गई, आखिर क्यों



*ऑनलाइन उपस्थिति*

समस्या ऑनलाइन उपस्थिति से नही है, क्यों कि समय से कार्यक्षेत्र पहुंचने का विरोध कही से प्रासंगिक नहीं हो सकता।
लेकिन इसके संदर्भ में मांग ही गलत की गई..._
टैब मांगा....मिल गया....
सिम मांगा....मिल गई....
दरअसल यह मांग ही अनुचित थी..._
1. मांग यह होनी चाहिए थी कि हाफ CL दी जाय क्यो कि कभी अपरिहार्य स्थिति आ गई तो समयानुसार पहुंचने के बाद भी वो अनुपस्थित हो जाएगा....
2. मांग यह होनी चाहिए थी कि प्राकृतिक विपरीत परिस्थितियों में जैसे कुहरा में लो विजिबिलिटी, बारिश या गाड़ी पंचर हो जाने, खराब हो जाने, जाम लगने, रेलवे फाटक के बंद होने की स्थिति में होने वाली देरी के कारण शिक्षक को अनुपस्थित मान लिया जाएगा, इस हेतु उसे कारण प्रस्तुत करने पर अनुपस्थित न माना जाए या कम से कम आधे घंटे तक की देरी को अनुपस्थित न माना जाए।
3. मांग यह होनी चाहिए थी शिक्षको को EL दिया जाय, जिससे शिक्षको को विपरीत परिस्थिति जैसे घर परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने के बाद क्रिया कर्म हेतु मेडिकल न लेना पड़े, खुद के विवाह हेतु मेडिकल न लेना पड़े, किसी भी जरूरत में उसे गलत मेडिकल न लेना पड़े क्यों कि ये सब परिस्थिति केवल 20 मई से 15 जून के बीच बताकर तो आयेगी नही..!!!
4. मांग यह होनी चाहिए थी कि शिक्षक को भी चिकित्सा और सामूहिक बीमा दिया जाय।
5. मांग यह होनी चाहिए थी कि इंचार्ज/हेड कब विद्यालय की सब्जी , फल, दूध या सामान लेगा और मार्केट में देर हुई तो अनुपस्थित न माना जाए।
6. मांग तो यह होनी चाहिए थी कि जब तक हमारे शिक्षको की जायज मांगे नहीं पूरी होती तब तक शिक्षक संघों को मिलने वाली छूट हम नही स्वीकार करेगे। खैर इस मुद्दे पर अपनी राय रख दूं यह छूट सिर्फ विभागीय मीटिंग में प्रतिभाग करने के लिए मात्र है। कब यह व्यवस्था आपके लिए भी खत्म कर दी जाए इसका कोई भरोसा नहीं।
लेकिन हमारी मांग टैबलेट और सिम थी....जो मिल गया है।_
मांग पूरी हो गई शायद इसीलिए उपरोक्त जायज मांगों पर ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश आने के बाद भी किसी समूह के द्वारा कोई मांग नही की गई।
अभी भी समय है संघ/गुट का इगो भुलाकर एकजुट होकर जायज मांग रखी जाय अन्यथा जो सबका होगा वही हमारा भी होगा। लेकिन अच्छा किसी का नही होगा यह तय है।