सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि युवाओं के हित संरक्षण के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। हर एक युवा की मेहनत, मेधा और प्रतिभा का सम्मान है। पेपर लीक या साल्वर गैंग जैसी अराजक गतिविधियों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे अपराध में संलिप्त हर अपराधी के खिलाफ ऐसी कठोरतम कार्रवाई की जाए, जो नजीर बने। ऐसे प्रकरणों में अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कठोर कानून लाया जाना आवश्यक है। इसके लिए यथाशीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जाए। सीएम ने पेपर सेट करने से लेकर ओएमआर सीट स्कैनिंग और परिणाम तैयार करने के लिए अलग-अलग एजेंसियों की मदद लेने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया तेज • करने के लिए शनिवार को विभिन्न चयन आयोगों के अध्यक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। चयन परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने इस दौरान चयन प्रक्रियाओं में व्यापक सुधार पर जोर दिया। इसके अलावा चयन प्रक्रिया की समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने आयोगों में प्रचलित चयन प्रक्रियाओं और भावी कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी ली।
एक दिन में होगी एक ही परीक्षा: उन्होंने कहा कि चयन आयोगों से अपेक्षा है कि वे भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर समय से जारी करें और कड़ाई के साथ उसका अनुपालन करें। सभी चयन आयोग परस्पर समन्वय से यह सुनिश्चित करें कि एक दिन में एक ही परीक्षा आयोजित की जाए। कुछ पदों के लिए शैक्षिक अर्हता निर्धारण में समकक्ष योग्यता के संबंध में विसंगतियों की सूचना प्राप्त हुई है। संबंधित विभाग प्रकरण का समाधान कर आयोग को सही जानकारी उपलब्ध कराएं। चयन परीक्षाओं के सेंटर के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज या साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले वित्त पोषित शैक्षिक संस्थान ही सेंटर बनाए जाएं। सेंटर वहीं होंगे, जहां सीसीटीवी की व्यवस्था होगी। यह भी सुनिश्चित कराएं कि परीक्षा केंद्र नगरीय क्षेत्र में ही हों। परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं और दिव्यांगों की अपेक्षाओं का ध्यान रखा जाए।
गड़बड़ होने पर डीएम और डीआईओएस भी
होंगे जवाबदेह
सीएम ने कहा कि एडेड कॉलेज को सेंटर बनाया जाता है तो संबंधित प्रबंधक परीक्षा व्यवस्था में कहीं से भी शामिल न हों। केंद्र व्यवस्थापक के रूप में दूसरे संस्थान के प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को भी व्यवस्था से जोड़ें। गड़बड़ी हुई तो इनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। सीएम ने कहा कि शिक्षक चयन की प्रक्रिया में बड़ा सुधार करते हुए हाल ही में शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया गया है। इसके सदस्य नामित किए जा चुके हैं। अध्यक्ष की नियुक्ति भी यथाशीघ्र कर दी जाएगी। नवगठित आयोग से चयन की कार्यवाही समय से प्रारंभ करने की अपेक्षा है।
अब एक ही एजेंसी नहीं कराएगी पूरी परीक्षा
योगी ने कहा कि पेपर सेट करने की प्रक्रिया, उनकी छपाई, कोषागार तक पहुंचाने, कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की व्यवस्था, परीक्षा के बाद ओएमआर आयोग तक पहुंचाने, ओएमआर की स्कैनिंग, परिणाम तैयार करने सहित पूरी व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसियों का उपयोग करें। एजेंसी के रिकॉर्ड की भलीभांति जांच करने के बाद ही दायित्व दें। उन्होंने कहा कि हर पाली में दो या अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए। प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी का माध्यम से कराया जाना चाहिए। पेपर कोडिंग को भी और व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। तलाशी लेने के लिए महिला कर्मियों की तैनाती जरूर हो।
एसटीएफ के संपर्क में रहें चयन आयोग सीएम ने कहा कि शुचिता और गोपनीयता के लिहाज से चयन आयोगों को शासन स्तर के शीर्ष अधिकारियों और एसटीएफ के संपर्क में रहना चाहिए। परीक्षाओं की शुचिता के संबंध में
आवश्यक सुधार की यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव में लानी होगी। नियुक्ति एवं
कार्मिक विभाग चयन आयोगों से संवाद कर यथाशीघ्र इसे लागू कराए। भर्ती प्रक्रिया में न हो विलंब उन्होंने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, जिसका उपयोग किया जाए। सभी विभाग नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व नियमावली का परीक्षण कर लिया जाए। भर्ती प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब न किया जाए।