आयोग छात्रों की अदालत में देगा ‘परीक्षा’


प्रयागराज,  समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में पेपरलीक के बाद उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज जूनियर डिवीजन (पीसीएस-जे) भर्ती 2022 की मुख्य परीक्षा में कॉपी बदलने और पन्ने फाड़ने के आरोप से फजीहत झेल रहा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग छात्रों की अदालत में परीक्षा देने को तैयार है।



पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल सभी 3019 अभ्यर्थियों को उनकी उत्तरपुस्तिकाएं 20 जून से 30 जुलाई तक दिखाने के फैसले के पीछे आयोग की मंशा है कि छात्रों के मन में परीक्षा की शुचिता को लेकर किसी प्रकार की शंका न रह जाए।आयोग ने सात जून को हाईकोर्ट में हलफनामा देकर सभी उत्तरपुस्तिकाओं की फिर से जांच करने की बात स्वीकार की थी। माना जा रहा है कि कॉपी जांचने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं मिलने के बाद आश्वस्त आयोग छात्रों के समक्ष अपनी विश्वसनीयता का टेस्ट देने को तैयार है। 11 फरवरी को आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के पेपरलीक के आरोप लगने के बाद चार महीने से आयोग छात्रों के निशाने पर है। पेपरलीक का प्रकरण ऐसा है जिसकी जांच एसटीएफ कर रही है और उसमें आयोग का सीधा हस्तक्षेप नहीं रह गया है। आयोग के अधिकारियों को लग रहा है कि उत्तरपुस्तिकाओं से छेड़छाड़ के आरोप से खुद को पाक-साफ साबित करने से शायद छवि में कुछ सुधार हो। यह भी देखने वाली बात होगी कि 20 जून से जब उत्तरपुस्तिकाएं दिखाई जाएंगी तो कितने छात्र हैं जो उपस्थित होंगे।