लखनऊ, । लोकभवन में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा अनेक कार्यक्रमों का शुभारंभ शनिवार को किया गया। बेसिक शिक्षा परिषद ने विगत 7 वर्ष में अनेक इनोवेशन को आगे बढ़ाया है। 2017 के पहले जैसे सरकार अंधकार में रहती थी, वैसे ही इन्होंने शिक्षा को भी अंधकार में ढकेलने का काम किया था। आज आप देख रहे हैं कि 12 दिन के अंदर शुचितापूर्ण तरीके से नकल विहीन परीक्षा संपन्न हुई है और 14 दिन के अंदर परिणाम भी आ गए। पहले तीन महीने में परीक्षा होती थी, तीन महीने परिणाम आने में लगते थे, तीन महीने एडमिशन में लगते थे और शेष तीन महीने पर्व और त्योहार में चले जाते थे और साल निकल जाता था।
बेटियों ने लंबी छलांग मारी है हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की मेरिट में जगह बनाने वाले कुल छात्र-छात्राओं की संख्या 170 है, जिनमें छात्र 58 हैं और छात्राएं 112 हैं। ये सफलता बताती है कि बेटियों ने लंबी छलांग मारी है और बेटी पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई कार्यक्रमों की शुरुआत की। उन्होंने 165 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का लोकार्पण किया। 11 जिलों के डायट में अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, ऑडिटोरियम तथा टॉयलेट ब्लॉक का शिलान्यास किया। कक्षा 1 व 2 की एनसीईआरटी पर आधारित पाठ्य पुस्तकों के वितरण अभियान का शुभारंभ किया। विभागीय जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 18008893277 शुरू किया।
संन्यास पलायन नहीं परिश्रम का मार्ग...
लखनऊ। संन्यास लेने पर शुरू-शुरू में लोग मुझे टोकते थे। आज मैं उन लोगों को देखता हूं तो पाता हूं कि कोई संतुष्ट नहीं है। भौतिक उपलब्धि व्यक्ति को कभी संतुष्ट नहीं कर सकती। ये ठीक है कि मैं आज मुख्यमंत्री हूं। मगर मैंने संन्यास लिया, ये पलायन का नहीं परिश्रम और संघर्ष का मार्ग है। 16-18 घंटे काम करता हूं, इसलिए नहीं कि कोई पद या प्रतिष्ठा प्राप्त होगी बल्कि इसलिए क्योंकि ये मेरा कतर्व्य है। ये बातें सीएम योगी ने शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक अन्य कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के सवालों पर कही।