परीक्षा सुधार को एक्शन मोड में आया शिक्षा मंत्रालय



नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय नीट सहित पूरे परीक्षा तंत्र में समग्र सुधार को लेकर एक्शन मोड में है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान लगातार नीट परीक्षा विवाद से जुड़े हर पहलू की निगरानी कर रहे हैं। जिस तरह की खामियां प्रथम दृष्टया दिख रही है, उसके मद्देनजर स्पष्ट संकेत हैं कि एनटीए की मौजूदा नेतृत्व पर कार्रवाई हो सकती है। सूत्रों ने पुष्टि करते हुए कहा कि एनटीए का नेतृत्व सवालों के घेरे में है। इसी कड़ी में शनिवार को एनटीए महानिदेशक पर कार्रवाई की गई।


सूत्रों ने कहा, सरकार चाहती है कि एनटीए में आंतरिक सुधार में देरी न हो। साथ ही जो परीक्षाएं लंबित हैं या भविष्य में होनी हैं उनपर कोई सवाल न उठे। इसी मकसद से शुक्रवार देर रात परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकने का एक्ट प्रभावी किया गया। साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री के वादे के अनुरूप उच्च स्तरीय समिति का गठन भी जल्द हो गया। सबकुछ समयबद्ध तरीके से हो यह सुनिश्चित किया जा रहा है।

कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा रिपोर्ट का अध्ययन करके सरकार सुधार के साथ जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर बड़ी पहल कर सकती है। हालांकि, शिक्षा मंत्री ने इस मसले पर सीधे किसी टिप्पणी से बचते हुए कहा कि थोड़ा इंतजार कीजिए। शिक्षा मंत्री ने छात्रों के भरोसे को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि सारे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नजर है। सरकार की भी नीयत स्पष्ट है। हम पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध हैं और कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।

इस बीच सूत्रों का कहना है कि बिहार में नीट पेपर लीक का अकेला मामला है, या इससे अन्य कड़ियां भी जुड़ रही हैं, इसे भी जांच एजेंसियां देख रही हैं। फिलहाल गुजरात के मामले को बिहार से बिलकुल अलग नकल का मामला माना जा रहा है और वहां कथित तौर पर नकल में शामिल 30 छात्रों को डिबार करने का नोटिस दिया गया है। अन्य शिकायतों की जांच जारी है।

बता दें कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा नीट 2024 परीक्षा 5 मई को देश के 550 से अधिक केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसके बाद एजेंसी ने 4 जून को नीट का रिजल्ट जारी कर किया। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद इसमें कथित अनियमितता को लेकर विरोध हो रहा है।


परीक्षा सुधार को एक्शन मोड में आया शिक्षा मंत्रालय 
छात्रों के भविष्य से कोई समझौता नहीं प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सरकार की मंशा एकदम स्पष्ट है। हम 24 लाख छात्रों के भविष्य से कोई समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हम पारदर्शिता और परीक्षाओं की शुचिता के लिए प्रतिबद्ध हैं।