शिक्षकों ने श्रमदान कर बंद रास्ता खोला


घिरोर। नाहिली रोड पर रात में बारिश और तेज हवाओं के चलते बबूल का पेड़ जड़ से उखड़ कर सड़क पर गिर गया। सुबह जब नाहिली में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाएं विद्यालय जाने के लिए नाहिली रोड पर पहुंचे तो रास्ता पूरी तरह बाधित पाया।


समय कहीं से मदद या रास्ता खुलने की उम्मीद न होने पर विद्यालय के स्टाफ ने तत्काल उस बबूल के पेड़ को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया।

शिक्षक महेंद्र प्रताप सिंह ने पास
के घरों से संपर्क कर कुल्हाड़ी व बका की व्यवस्था की, फिर सभी मिलकर पेड़ को छांटने व काटने के कार्य मे लग गए। लगभग आधे घंटे पेड़ की कटाई-छटाई के बाद आते जाते ग्रामीणों ने जब शिक्षक शिक्षिकाओं को सार्वजनिक सड़क पर पड़े पेड़ को हटाते व रास्ता बनाते देखा तो सहयोग करने लगे और देखते देखते पैदल, बाइक व कार आने जाने का रास्ता बन गया ।

सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने मिलकर सड़क के कांटे भी साफ किये ताकि किसी राहगीर को न चुभ जाएं। इस कार्य से शिक्षकों ने समाज को एक संदेश भी दिया की बाधाओं
को दूर करने के लिए खुद बाधाओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामवासियों में शिक्षक

शिक्षिकाओं का यह कार्य चर्चा का विषय बना रहा और सभी ने इस कार्य की सराहना की। शिक्षक शिक्षिकाओं के बीच ऐसी समस्या आने पर ऑनलाइन हाजरी हो जाने के समय, ससमय अपनी उपस्थिति दर्ज करने की चर्चा भी हुई.

श्रमदान में अजीत यादव, महेंद्र प्रताप सिंह पवन यादव राजकुमार, आलोक, सरिता सिंह भावना यादव, प्रीति, सावित्री शाक्य पूर्व छात्र विशाल शाक्य का विशेष सहयोग रहा।