लखनऊ,। लखनऊ विश्वविद्यालय ने दो महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक शिक्षकों के लिए सुपरन्युमेरिक सीट की व्यवस्था नहीं की है। इसका खामियाजा पीएचडी के इच्छुक शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है। बता दें कि संशोधित पीएचडी अध्यादेश में शिक्षकों के लिए 10 प्रतिशत सुपरन्युमेरिक पीएचडी सीट की व्यवस्था नहीं है। जिसे वापस जोड़ने की मांग शिक्षक संघ की ओर से बीते दो महीने से उठाई जा रही है।
इस संबंध में लुआक्टा ने गुरुवार को भी कुलपति
को पत्र लिख कर सीटें जोड़ने की मांग उठाई है। एलयू में संशोधित पीएचडी अध्यादेश के तहत सत्र 2023-24 पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है।
ज्ञापन और पत्र भेजे
लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय का कहना है कि कुलपति को तीन अप्रैल को ज्ञापन और छह जून को पत्र भेजा है। एलयू प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि लुआक्टा के पत्र पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।