एनटीए के अधिकारी दोषी पाए गए तो बख्शे नहीं जाएंगे: प्रधान

 

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) में हुई अनियमितताओं पर सख्ती दिखाते हुए कहा है कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) में बड़े सुधार की जरूरत है। कहा, अगर एनटीए के अधिकारी गड़बड़ी में दोषी पाए गए तो उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।



प्रधान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश पर 1,563 उम्मीदवारों की दोबारा परीक्षा का आदेश दिया गया है। दो जगहों पर कुछ अनियमितताएं सामने आई हैं। उन्होंने छात्रों और अभिभावकों को आश्वास्त करते हुए कहा कि सरकार मामले को लेकर चिंतित है और इसे गंभीरता से लिया है। अगर एनटीए के बड़े अधिकारी भी दोषी पाए गए तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनटीए में बहुत सुधार की जरूरत है।


उधर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि योग्यता के पैमाने के रूप में पेश की जा रही नीट परीक्षा घोटाला है।


प्रश्न पत्र की प्रति के इंतजार में जांच अटकी

पटना। नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से परीक्षा की मूल प्रश्नपत्र की प्रति नहीं भेजी गई है। इस वजह से ईओयू इस मामले की जांच को आगे नहीं बढ़ा पा रहा है।


पेपर लीक मामले को खंगाला जा रहा ईओयू की ओर से एनटीए को अबतक तीन बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है, लेकिन प्रश्न पत्र की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसको लेकर जांच में शामिल अधिकारी हैरान भी हैं।


सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो कपिल सिब्बल

नई दिल्ली। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को लेकर चल रहे विवाद के बीच पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने रविवार को अनियमितताओं के आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिकारियों से कराने की मांग की। उन्होंने सरकार से सभी राज्यों से इस बारे में गहन विचार-विमर्श करने को कहा कि भविष्य में यह परीक्षा कैसे आयोजित की जाए।


एनटीए की सत्यनिष्ठा पर गंभीर सवाल कांग्रेस

कांग्रेस ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की सत्यनिष्ठा और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को आयोजित करने के तौर तरीके सवालों के घेरे में हैं। पार्टी नेता जयराम रमेश ने एक्स पर कहा कि एनटीए की सत्यनिष्ठा और नीट को जिस तरह से डिजाइन और आयोजित किया जाता है उसके तरीकों पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।