केंद्रीय कर्मचारियों को देनी होगी संपत्ति की जानकारी




केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा अपने या परिवार के सदस्यों के नाम से चल-अचल संपत्तियों के लेनदेन की जानकारी विभाग को नहीं दिए जाने पर केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया है।


मंत्रालय ने सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को इसकी जानकारी सक्षम प्राधिकार को देने को कहा है। साथ ही आगाह किया है कि आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की सतर्कता शाखा ने केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) (आचरण) नियम-1964 के नियम 18 के उप-नियम (2) के प्रावधानों के तहत पिछले सप्ताह यह आदेश जारी किया है। इसमें मंत्रालय ने कहा है कि इन नियमों के दायरे में आने वाले सभी कर्मचारियों को अपने नाम या परिवार के किसी सदस्य के नाम पर अचल संपत्ति का किसी भी तरह का कोई भी लेनदेन करने से पहले सक्षम प्राधिकार को रिपोर्ट करना आवश्यक है। इतना ही नहीं, मंत्रालय ने कहा है कि यदि लेनदेन किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हो रहा हो, जिसका सरकार या सरकारी कर्मचारी के साथ कोई आधिकारिक लेनदेन हो, तो कर्मचारी को लेनदेन के लिए समक्ष प्राधिकार से पूर्व स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक है।



एक माह में सूचित करना जरूरी

आदेश में कहा गया कि सीसीएस (आचरण) नियम के उप-नियम (3) में यह प्रावधान है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी चल संपत्ति का लेनदेन करता है तो उसे एक माह में सक्षम प्राधिकार को सूचित करना होगा। अचल संपत्ति की तरह चल संपत्ति के मामले में भी यदि ऐसा कोई लेनदेन किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हो, जिसका सरकारी कर्मचारी के साथ आधिकारिक लेनदेन हो, तो सक्षम प्राधिकार की पूर्व मंजूरी अनिवार्य है।