सुप्रीम कोर्ट में 20 छात्रों की ओर से दाखिल याचिका में मामले की जांच सीबीआई या फिर किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से कराने का आदेश देने की मांग की गई है। याचिका में सीबीआई जांच के अलावा कोर्ट की निगरानी में 620 से अधिक अंक लाने वाले सभी छात्रों के शैक्षणिक पृष्ठभूमि के साथ-साथ फॉरेंसिक और अन्य जांच करने की मांग भी की गई है।
याचिका में कहा गया है कि हाई रैंकरों (620 से 720 अंक पाने वाले) को छोड़कर अन्य अंक वर्गों यानी 520 से 620 अंक पाने वाले छात्रों की संख्या में पिछले साल की तुलना में इस वर्ष भी कोई बदलाव नहीं देखा गया है। 2023 और 2024 के नीट परिणामों के विश्लेषण से साफ होता है कि केवल उसी श्रेणी में छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो छात्रों के लिए प्रवेश पाने के साथ-साथ अच्छे मेडिकल कॉलेज चुनने के लिए फायदेमंद हो। एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड सुधीर नागर की ओर से दाखिल याचिका में कहा कि परिणामों के विश्लेषण से नीट 2024 के परिणाम में अनियमितता के साफ संकेत मिलते हैं।
केंद्र सरकार, एनटीए से जवाब तलब सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और अन्य को नोटिस जारी कर नीट 2024 में हुई कथित धांधली की सीबीआई जांच की मांग पर जवाब तलब किया है।
90 से अधिक अंक लाने वाले छात्रों की जांच की जरूरत याचिका में कहा गया है कि नीट 2024 में 90 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले छात्रों के बारे में जांच की जरूरत है ताकि उनके पिछले वर्षों के शैक्षणिक परिणामों और कक्षा 12वीं में उनके प्रदर्शन सहित उनकी साख की जांच की जा सके। याचिकाकर्ताओं को जानकारी मिली है कि नीट में 720 में से 720 अंक प्राप्त करने वाला 12वीं में मुश्किल से 33 फीसदी अंक प्राप्त कर सका है। नीट में धांधली इस बात से भी साफ है कि हरियाणा के झज्जर में एक परीक्षा केंद्र से करीब 108 छात्रों को 700 से अधिक अंक मिले हैं।
याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा घोषित परिणाम से जाहिर होता है कि इस बार 67 छात्रों ने नीट में 720 में से 720 अंक यानी 100 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं।
यह महज संयोग नहीं हो सकता, क्योंकि परिणाम के गहन विश्लेषण से पता चलता है कि ऐसे 100 फीसदी अंक पाने वाले 67 में से छह छात्र केवल एक ही परीक्षा केंद्र से हैं। ऐसे कई अजीबोगरीब उदाहरण हैं, जिनमें शीर्ष 100 रैंकर छात्रों के रोल नंबर क्रम में हैं।
ओएमआर शीट की जांच कराने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक अन्य याचिका में सभी छात्रों के ओएमआर शीट/उत्तर पुस्तिकाओं का पूर्ण पुनर्मूल्यांकन करने के साथ ही उम्मीदवारों की पुन रैंकिंग करने की मांग भी की गई है। सुप्रीम कोर्ट में नीट में कथित धांधली की जांच की मांग करते हुए कहा गया है कि छात्रों को उनके स्कोरकार्ड पर उनकी ओएमआर शीट की तुलना में अलग-अलग अंक मिले। ये गड़बड़ियां अनुग्रह अंक के कारण नहीं, क्योंकि ये छात्र उन केंद्रों से नहीं थे, जहां कथित तौर पर ग्रेस मार्क्स दिए गए।
बिहार में नौ परीक्षार्थियों से पूछताछ होगी
पटना। कथित नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) इस परीक्षा में शामिल नौ परीक्षार्थियों से 18 और 19 जून को पूछताछ करेगी। इन सभी को ईओयू ने एक दिन पूर्व ही नोटिस जारी किया है। ईओयू टीम मामले में अब तक मिले साक्ष्य एवं गिरफ्तार अभियुक्तों के बयानों के आधार पर सवालों के माध्यम से गहन जांच-पड़ताल करेगी। साथ ही टीम पता लगाएगी कि इन परीक्षार्थियों को किसी सॉल्वर गैंग ने प्रश्नपत्र तो उपलब्ध नहीं कराए थे। इन परीक्षार्थियों के साथ ईओयू ने उनके अभिभावकों को भी बुलाया है। ईओयू सूत्रों के मुताबिक, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से अभी तक जांच एजेंसी को नीट के प्रश्न-पत्र की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है। इस कारण जांच में देरी हो रही है।
पटना में छात्रों ने प्रदर्शन किया, पुतला भी फूंका
पटना। नीट परीक्षा रद्द करने की मांग के समर्थन में देश के विभिन्न शहरों में चल रहे आंदोलन के बीच पटना में शनिवार को छात्र सड़क पर उतर आए। परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए छात्रों ने दिनकर गोलंबर के पास प्रदर्शन किया। इस दौरान पुतला भी फूंका गया। छात्र नीट यूजी को रद्द करने के लिए नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शन की वजह से यातायात व्यवस्था प्रभावित रही। बाद में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर छात्रों को खदेड़ दिया।
एनटीए के खिलाफ प्रदर्शन करेगी आइसा
नई दिल्ली। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) नीट परीक्षा में धांधली को लेकर 19-20 जून को देश भर में प्रदर्शन करेगी। आइसा नीट परीक्षा दोबारा कराने सहित कई मांगों के साथ सड़क पर उतरेगी। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने भी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर नीट परीक्षा और परिणाम में गड़बड़ी की मांग उठाई।